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कर्नाटक में धार्मिक तनाव: मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ से बढ़ी नाराजगी

कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में हाल ही में भगवान गणेश और नाग देवता की मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की घटना ने धार्मिक तनाव को जन्म दिया है। स्थानीय लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान मानते हुए कार्रवाई की मांग की है। बीजेपी ने इस मामले में कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि वह हिंदू संगठनों को संदेह की दृष्टि से देखती है। इस विवाद पर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जबकि सोशल मीडिया पर नाराजगी बढ़ती जा रही है।
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कर्नाटक में धार्मिक तनाव: मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ से बढ़ी नाराजगी

कर्नाटक में धार्मिक तनाव का मामला

कर्नाटक समाचार: कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के रग्गीगुड्डा क्षेत्र में धार्मिक तनाव उस समय उत्पन्न हुआ जब कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने हाल ही में स्थापित भगवान गणेश और नाग देवता की मूर्तियों को नुकसान पहुँचाया। यह घटना शांतिनगर वार्ड में हुई, जहाँ कुछ दिन पहले ही इन मूर्तियों को मुख्य सड़क के किनारे स्थापित किया गया था।


स्थानीय निवासियों का कहना है कि नाग देवता की मूर्ति को तोड़कर पास के नाले में फेंक दिया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। लोगों ने इसे उनकी धार्मिक भावनाओं का अपमान मानते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की।


पुलिस की तैनाती और स्थिति का जायजा

मौके पर भारी पुलिस बल तैनात


जैसे ही घटना की जानकारी मिली, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का आकलन किया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है और जांच जारी है।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

BJP ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना


घटना के बाद, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और शिकारिपुरा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे हिंदू विरोधी ताकतों की साजिश बताया और कहा कि शिवमोग्गा में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। विजयेंद्र ने कहा, 'कांग्रेस सरकार हमेशा हिंदू संगठनों को संदेह की दृष्टि से देखती है और ऐसे तत्वों को समर्थन देती है जो हिंदू आस्थाओं का अपमान करते हैं। यदि सरकार ने इन शरारती तत्वों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।'


कांग्रेस की चुप्पी

कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं


इस विवाद पर अब तक कांग्रेस सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर इस घटना को लेकर नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है।