कर्नाटक में नेतृत्व विवाद: सिद्धारमैया ने किया स्पष्ट, नहीं है कोई 'ढाई साल' का समझौता
सिद्धारमैया का स्पष्ट बयान
कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति में नेतृत्व को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उनके और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच किसी प्रकार का 'ढाई साल' का सत्ता-साझाकरण समझौता नहीं हुआ है। बेलगावी में कर्नाटक विधानसभा सत्र के अंतिम दिन, उन्होंने विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि जब तक कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कोई नया निर्णय नहीं लेता, तब तक वे राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
विपक्षी नेताओं को संबोधित करते हुए
सिद्धारमैया ने विपक्षी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का चयन एक निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार होता है। पहले जनता जनादेश देती है, फिर विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव होता है, और अंत में पार्टी हाई कमांड उस निर्णय पर मुहर लगाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया के तहत वे वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं और जब तक पार्टी नेतृत्व से कोई नया निर्देश नहीं आता, तब तक अपनी जिम्मेदारियों को निभाते रहेंगे।
विपक्ष के सवालों का जवाब
विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक द्वारा 'ढाई साल' के कथित समझौते पर सवाल उठाने पर, सिद्धारमैया ने स्पष्ट उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने कभी ऐसा कहा और न ही कांग्रेस में ऐसा कोई समझौता हुआ है। उनके अनुसार, यह चर्चा पूरी तरह से निराधार है और राजनीतिक अफवाहों पर आधारित है।
कांग्रेस में नेतृत्व का असमंजस
हाल के महीनों में कांग्रेस पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संतुलन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सरकार का आधा कार्यकाल पूरा होने के बाद, कुछ कांग्रेस विधायक नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर दिल्ली भी पहुंचे थे, जिससे अटकलों को और बल मिला।
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व स्थिति को संभालने की कोशिश में
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने स्थिति को संभालने के लिए दोनों वरिष्ठ नेताओं को आपस में संवाद करने की सलाह दी। विवाद को शांत करने के लिए, सिद्धारमैया और शिवकुमार ने अलग-अलग मौकों पर मुलाकात की और नाश्ते पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वे पार्टी हाई कमांड के हर निर्णय को स्वीकार करेंगे। पार्टी में एकता का संदेश देने के लिए, उन्होंने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
भाजपा का कांग्रेस पर हमला
इस घटनाक्रम पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि आंतरिक खींचतान के कारण राज्य के विकास और जनता के हितों की अनदेखी हो रही है। भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं, जिससे पार्टी नेतृत्व को अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में कर्नाटक की राजनीति में कोई नया और अप्रत्याशित चेहरा उभर सकता है।
