कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में बढ़ी खींचतान, क्या होगा अगला कदम?
कांग्रेस अध्यक्ष का बयान
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को स्वीकार किया कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच पद को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही सोनिया गांधी और राहुल गांधी से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे ताकि समाधान निकाला जा सके।
खरगे की संभावित बैठक
खरगे ने संकेत दिया कि अगले 48 घंटों में राहुल गांधी से मुलाकात की संभावना है और एक दिसंबर से पहले इस मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि एक दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, जिससे पार्टी नेतृत्व पर स्थिति स्पष्ट करने का दबाव बढ़ गया है।
राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें
खरगे का यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी और खरगे की बैठक के बाद संभवतः शुक्रवार को सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को दिल्ली बुलाया जाएगा। यह तनाव तब बढ़ा है जब कांग्रेस सरकार का पांच वर्षीय कार्यकाल 20 नवंबर को आधा हो गया।
सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच स्थिति
हाल ही में, सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया था कि वह पूरे कार्यकाल को पूरा करेंगे और आगामी बजट भी पेश करेंगे। वहीं, डीके शिवकुमार ने इस मुद्दे पर ज्यादा टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद का मामला पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई एक गोपनीय सहमति से जुड़ा है।
शिवकुमार समर्थकों की मांग
इस बीच, शिवकुमार के समर्थक विधायकों का एक समूह दिल्ली पहुंचकर हाईकमान को आवेदन सौंप चुका है। उनका तर्क है कि ढाई साल के सत्ता साझा फ़ॉर्मूले की समयसीमा पूरी हो चुकी है, इसलिए अब शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। रामनगर के विधायक इक़बाल हुसैन ने तो यह भी कहा कि 200 प्रतिशत डीके शिवकुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे।
सिद्धारमैया का पक्ष
सिद्धारमैया समर्थक गुट ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को निराधार बताया है। राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी जल्द ही खरगे से मुलाकात कर स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध करेंगे।
गृह मंत्री जी. परमेश्वर का नाम
इसी बीच, गृह मंत्री जी. परमेश्वर का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में आया है। उन्होंने कहा है कि वह भी इस पद के लिए सक्षम हैं। जारकीहोली ने कहा कि दावेदारी करना गलत नहीं है, लेकिन अंतिम निर्णय दिल्ली में ही लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सक्रिय राजनीति से रिटायरमेंट के बाद भी पार्टी को सिद्धारमैया के अनुभव और मार्गदर्शन की आवश्यकता बनी रहेगी।
