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कर्नाटक में सियासी हलचल: क्या बदलने वाला है मुख्यमंत्री?

कर्नाटक की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने स्पष्ट किया है कि इस मुद्दे पर निर्णय पार्टी हाईकमान ही लेगा। हाल ही में कुछ नेताओं के बयानों ने इस चर्चा को और बढ़ावा दिया है। जानें क्या है खरगे का सख्त संदेश और कांग्रेस की स्थिरता को लेकर क्या चिंताएं हैं।
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कर्नाटक में सियासी हलचल: क्या बदलने वाला है मुख्यमंत्री?

कर्नाटक की राजनीति में नई हलचल

Karnataka Chief Minister: कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति में एक बार फिर से हलचल देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के भीतर चल रही चर्चाओं ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस को जन्म दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस विषय पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री पद से संबंधित निर्णय केवल पार्टी हाईकमान ही लेगा। हाल के दिनों में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार में बदलाव की अटकलें तेज हो गई थीं। कुछ कांग्रेस नेताओं के बयानों ने इस चर्चा को और बढ़ावा दिया, जिसके बाद खरगे का यह बयान सियासी माहौल को शांत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.


कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की खींचतान

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस के भीतर चल रही खींचतान अब खुलकर सामने आ रही है। कुछ समय पहले कांग्रेस विधायक एचए इकबाल हुसैन ने कहा था कि अगले दो-तीन महीनों में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिल सकता है। इसके अलावा, सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना के बयान ने भी इस चर्चा को और बढ़ावा दिया। इन बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी, जिसके बाद सभी की नजरें कांग्रेस हाईकमान पर टिक गईं।


खरगे का स्पष्ट संदेश

खरगे का सख्त जवाब

इन अटकलों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "यह पार्टी हाईकमान के हाथ में है। यह हाईकमान पर छोड़ दिया गया है और उन्हें आगे की कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन किसी को भी बेवजह समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए।" खरगे का यह बयान न केवल पार्टी नेताओं को अनुशासन में रहने की सलाह देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कांग्रेस आलाकमान इस मुद्दे पर किसी भी तरह की अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेगा.


सियासी स्थिरता पर सवाल

सियासी स्थिरता पर सवाल

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार के सामने पहले से ही कई चुनौतियां हैं। विपक्षी दलों, विशेषकर बीजेपी और जेडी(एस), ने इस राजनीतिक उठापटक को भुनाने की कोशिश शुरू कर दी है। ऐसे में खरगे का बयान न केवल पार्टी के भीतर एकता बनाए रखने की कोशिश है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि कांग्रेस कर्नाटक में अपनी सरकार को स्थिर रखने के लिए प्रतिबद्ध है.