कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्स को दिया बड़ा झटका, कानून का पालन अनिवार्य

कर्नाटक हाईकोर्ट का निर्णय
नई दिल्ली - कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक्स कॉर्प की याचिका को खारिज करते हुए उसे एक महत्वपूर्ण झटका दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को देश के कानूनों का पालन करना आवश्यक है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) द्वारा दायर उस याचिका को अस्वीकार कर दिया, जिसमें उसने कुछ खातों और पोस्ट को ब्लॉक करने के लिए केंद्र के निर्देशों को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने कहा कि सोशल मीडिया को विनियमित किया जाना चाहिए, विशेषकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो संविधान में दिए गए नागरिकों के सम्मान के अधिकार का उल्लंघन होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को भारत में बिना किसी निगरानी के कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने कहा कि एक्स को भारतीय कानूनों का पालन करना होगा और यह स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संवैधानिक संरक्षण केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त है, विदेशी संस्थाओं को नहीं।
हाईकोर्ट ने याचिका में कोई मेरिट न होने की बात कहते हुए इसे खारिज कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत ब्लॉकिंग आदेश जारी करने के लिए सरकार के अधिकृत अधिकारी सक्षम हैं। अदालत ने कहा कि एक्स कॉर्प अमेरिका में निष्कासन आदेशों का पालन करता है, क्योंकि इसके उल्लंघन को आपराधिक माना जाता है।