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कांग्रेस का नया अभियान: 5 लाख महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड वितरण

कांग्रेस ने आगामी चुनावों में महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए 5 लाख मुफ्त सैनिटरी पैड वितरित करने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान को बढ़ावा देना है। पार्टी का कहना है कि यह अभियान सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण को भी उजागर करेगा। इसके साथ ही, कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए हैं, alleging that it is trying to disenfranchise 8 crore voters. जानें इस अभियान के पीछे की रणनीति और भविष्य की योजनाएं।
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कांग्रेस का नया अभियान: 5 लाख महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड वितरण

महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए कांग्रेस का कदम

कांग्रेस सैनिटरी पैड वितरण: आगामी चुनावों में महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। पार्टी अब 5 लाख महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड प्रदान करेगी। इन पैकेटों पर राहुल गांधी की तस्वीर, 'नारी न्याय – महिला सम्मान' जैसे स्लोगन और कांग्रेस की महत्वाकांक्षी 'माई बहिन मान योजना' का प्रचार किया जाएगा।


महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान की दिशा में प्रयास

कांग्रेस का कहना है कि यह अभियान महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान को बढ़ावा देने के साथ-साथ पार्टी के सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण को भी उजागर करेगा। इस पहल की जिम्मेदारी अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने ली है, जो घर-घर जाकर इस योजना का प्रचार करेगी और महिलाओं को ₹2500 प्रति माह के वादे की जानकारी देगी।


चुनाव आयोग पर उठे सवाल

चुनाव आयोग पर भी सवाल


कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए हैं। पार्टी का आरोप है कि आयोग 8 करोड़ मतदाताओं को वोट देने से रोकने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस का कहना है कि जिन 20% वोटरों पर आयोग की नजर है, उन्हें संरक्षित रखने के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।


पार्टी के सूत्रों के अनुसार, यह संदेश हर जिले के कांग्रेस अध्यक्षों तक पहुंचाया जा रहा है ताकि स्थानीय स्तर पर अभियान को मजबूती दी जा सके।


भविष्य की योजनाएं

आगे और बढ़ेगा लक्ष्य


महिला कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि 5 लाख पैड के लक्ष्य को भविष्य में और बढ़ाया जा सकता है। इस पहल को केवल स्वास्थ्य सामग्री वितरण तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे राजनीतिक और सामाजिक जागरूकता अभियान के रूप में भी देखा जाएगा।


कांग्रेस की यह रणनीति महिलाओं के बीच पार्टी की पकड़ को मजबूत करने और चुनावी आधार तैयार करने के लिए एक ठोस प्रयास मानी जा रही है।