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कांग्रेस का मनरेगा के खिलाफ जी राम जी बिल पर विरोध

कांग्रेस ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के स्थान पर जी राम जी बिल लाने का विरोध किया है। संसद में पार्टी के नेताओं ने इस मुद्दे पर विचार किया, लेकिन कोई प्रभावी कार्यक्रम नहीं कर सके। राहुल गांधी जर्मनी में थे, जबकि सोनिया गांधी ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। कांग्रेस ने 17 दिसंबर को प्रदर्शन का ऐलान किया था, लेकिन यह सीमित प्रभावी रहा। अब पार्टी ने 28 दिसंबर को स्थापना दिवस पर बड़े प्रदर्शन की योजना बनाई है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
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कांग्रेस का मनरेगा के खिलाफ जी राम जी बिल पर विरोध

कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

कांग्रेस ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, जिसे मनरेगा के नाम से जाना जाता है, के स्थान पर जी राम जी बिल लाने का विरोध किया है। पार्टी के सांसदों ने इस मुद्दे पर दोनों सदनों में अपने विचार व्यक्त किए। हालांकि, कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर कोई प्रभावी कार्यक्रम आयोजित नहीं कर सकी। संसद में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाना चाहिए था, लेकिन राहुल गांधी उस समय जर्मनी के दौरे पर थे। वे परमाणु ऊर्जा और जी राम जी बिल पर चर्चा के दौरान दिल्ली में मौजूद नहीं थे। वहीं, राज्यसभा में सोनिया गांधी ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश ने मोर्चा संभाला। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, समाजवादी पार्टी की जया बच्चन और उद्धव ठाकरे की शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हुईं, लेकिन कांग्रेस का कोई नेता वहां नहीं था.


कांग्रेस की आगामी योजनाएँ

कांग्रेस पार्टी ने 17 दिसंबर को देशभर के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था, लेकिन यह प्रदर्शन केवल कुछ स्थानों पर ही हुए और उनका प्रभाव भी सीमित रहा। इसका मुख्य कारण यह था कि कांग्रेस ने इसे सही तरीके से समन्वयित नहीं किया। पार्टी को चाहिए था कि वह सभी राज्यों के प्रभारियों को भेजकर प्रदेश कमेटियों के माध्यम से प्रदर्शन कराती। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस प्रक्रिया की निगरानी करते। यह मुद्दा महात्मा गांधी से जुड़ा था, लेकिन यह करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाली योजना के समाप्त होने का भी सवाल था। अब कांग्रेस ने 28 दिसंबर को अपने स्थापना दिवस पर इस मुद्दे पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इसके पहले, 27 दिसंबर को कार्यसमिति की बैठक भी बुलाई गई है, जिसमें इस पर चर्चा की जाएगी। हालांकि, कई कांग्रेस नेता मानते हैं कि अगले 10 दिनों में इस मुद्दे का उत्साह वैसा नहीं रहेगा।