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कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर किया हमला

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नई दिल्ली में आयोजित कार्य समिति की बैठक में मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लोकतांत्रिक संस्थाओं की कमजोरी और आम नागरिकों के अधिकारों के हनन की बात की। खरगे ने मनरेगा योजना के कमजोर होने को गरीबों के लिए बड़ा खतरा बताया। इस बैठक में कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए, जिन्होंने पार्टी के रुख को मजबूती से प्रस्तुत किया।
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कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर किया हमला

कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन


नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक की अध्यक्षता की। इस उच्च स्तरीय बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।


बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, वरिष्ठ नेता हरीश रावत, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, पूर्व सांसद सलमान खुर्शीद, सांसद अभिषेक मनु सिंहवी और राजीव शुक्ला जैसे प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे।


शशि थरूर और सिद्धारमैया की उपस्थिति

कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी इस बैठक में शामिल हुए, हालांकि हाल ही में उनके कुछ बयान पार्टी के आधिकारिक रुख से भिन्न रहे हैं। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इस बैठक को 'अत्यंत महत्वपूर्ण' बताया। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, 'स्वतंत्र भारत में महात्मा गांधी का नाम एमजीएनआरईजीए से हटाना अस्वीकार्य है।'


मल्लिकार्जुन खरगे का मोदी सरकार पर हमला

कांग्रेस कार्यसमिति की इस महत्वपूर्ण बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि देश इस समय ऐसे दौर से गुजर रहा है, जहां लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हो रही हैं, संविधान की भावना को चोट पहुंचाई जा रही है और आम नागरिक के अधिकार लगातार सीमित हो रहे हैं।


खरगे ने संसद के शीतकालीन सत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा जैसी ऐतिहासिक योजना को कमजोर कर करोड़ों गरीबों, मजदूरों और ग्रामीण परिवारों की आजीविका पर सीधा प्रहार किया है। उन्होंने इसे गरीबों के पेट पर लात और पीठ में छुरा घोंपने जैसा बताया। खरगे के अनुसार, मनरेगा का अंत केवल एक योजना का समाप्त होना नहीं, बल्कि महात्मा गांधी के विचारों और उनके सम्मान पर हमला है।