कांग्रेस की पटना बैठक में हार के कारणों पर चर्चा की कमी
कांग्रेस की समीक्षा बैठक का सारांश
दिल्ली में एक बैठक के बाद, कांग्रेस पार्टी ने पटना में एक और बैठक का आयोजन किया। इन दोनों बैठकों का मुख्य निष्कर्ष यह है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता हार के वास्तविक कारणों पर चर्चा करने से बच रहे हैं, जबकि हारने वाले उम्मीदवार और जिला स्तर के नेता इस मुद्दे पर खुलकर बात करना चाहते हैं। सोमवार को पटना में आयोजित समीक्षा बैठक में प्रदेश के सभी प्रमुख नेता शामिल हुए, साथ ही जिलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया। हालांकि, जिला और प्रदेश के नेताओं के बीच कोई सामंजस्य नहीं दिखाई दिया।
एक जिले के नेता ने बताया कि उनके क्षेत्र की 10 में से 9 सीटें राजद ने जबरदस्ती जीत लीं, जिसके परिणामस्वरूप उस जिले में गठबंधन केवल एक सीट पर जीत हासिल कर सका। नेताओं ने यह भी कहा कि कांग्रेस की जीती हुई सीटें छोड़ने या उन पर दोस्ताना लड़ाई होने के कारण पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ। इसके अलावा, गठबंधन के निर्णय में देरी और राहुल गांधी के चुनाव प्रचार से दो महीने तक दूर रहने के कारण भी नुकसान की बात की गई। जब नेताओं ने अपनी बातें समाप्त कीं, तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और प्रभारी महासचिव कृष्णा अल्लावरू ने उन्हें वोट चोरी के खिलाफ अभियान चलाने के लिए तैयार रहने को कहा। यह सुनकर नेता हैरान रह गए कि संगठन को मजबूत करने के बजाय वोट चोरी के खिलाफ लड़ाई की बात की जा रही है। ध्यान देने योग्य है कि बिहार में पिछले सात वर्षों से प्रदेश कमेटी का गठन नहीं हुआ है।
