कांग्रेस की बिहार में सहयोगियों से जंग, सीडब्लूसी बैठक का आयोजन

कांग्रेस और सहयोगी दलों के बीच संघर्ष
कांग्रेस पार्टी बिहार में भाजपा के खिलाफ नहीं, बल्कि अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ संघर्ष कर रही है। विशेष रूप से, राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस की टकराव की स्थिति स्पष्ट हो रही है। एक ओर, कांग्रेस के नेता राजद से अलग यात्रा निकाल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, पार्टी 70 सीटें हासिल करने का दबाव भी बना रही है।
इस बीच, कांग्रेस ने पटना में कार्यसमिति यानी सीडब्लूसी की बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह बैठक 24 सितंबर को पटना के सदाकत आश्रम में होगी, जिसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे प्रमुख नेता शामिल होंगे। कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों, प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय पदाधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित रहेंगे।
शक्ति प्रदर्शन का एक और प्रयास
यह बैठक कांग्रेस के लिए एक शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखी जा रही है। इससे पहले, 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान भी कांग्रेस ने अपनी ताकत दिखाई थी, जिसमें राहुल गांधी महागठबंधन के सबसे बड़े नेता के रूप में शामिल हुए थे। इस यात्रा में एमके स्टालिन, अखिलेश यादव और हेमंत सोरेन जैसे सहयोगी दलों के नेता भी शामिल हुए थे।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी पार्टी इसी रणनीति को अपनाने की कोशिश कर रही है। राजद के एक नेता ने कहा कि कांग्रेस सीट बंटवारे तक ऐसे बड़े आयोजन करती रहेगी, ताकि अधिक सीटें हासिल कर सके। हालांकि, कांग्रेस को पिछली बार की 70 सीटों में से कम से कम 15 सीटें छोड़नी होंगी, अन्यथा मुकेश सहनी को समायोजित करना संभव नहीं होगा। सहनी महागठबंधन का अतिपिछड़ा चेहरा माने जाते हैं।