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कांग्रेस की बैठक में उठे महत्वपूर्ण मुद्दे: एमजीएनआरईजीए के खिलाफ आंदोलन की तैयारी

कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने हाल ही में एक बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें एमजीएनआरईजीए को समाप्त करने के खिलाफ आंदोलन की योजना शामिल है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर आरोप लगाया कि नए GRAM-G अधिनियम को बिना उचित परामर्श के पारित किया गया है। कांग्रेस ने 5 जनवरी, 2026 से एमजीएनआरईजीए बचाओ आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। जानें इस बैठक में और क्या चर्चा हुई और पार्टी की रणनीति क्या है।
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कांग्रेस की बैठक में उठे महत्वपूर्ण मुद्दे: एमजीएनआरईजीए के खिलाफ आंदोलन की तैयारी

कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक


नई दिल्ली: कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने शनिवार को कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष संशोधन, एमजीएनआरईजीए को प्रतिस्थापित करने के लिए शीतकालीन सत्र में पारित नया भारत-रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम, जिसे GRAM-G विधेयक कहा जाता है, और बांग्लादेश में चल रही अशांति जैसे मुद्दे शामिल थे।


कांग्रेस कार्यकारी समिति (CWC) की इस बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और शशि थरूर जैसे वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। इस दौरान इन मुद्दों पर गहन चर्चा की गई और पार्टी की रणनीति को निर्धारित किया गया।


मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान

प्रेस से बातचीत में मल्लिकार्जुन ने क्या कहा?


बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लोगों में एमजीएनआरईजीए को समाप्त करने को लेकर गहरा आक्रोश है और सरकार को इसके लिए परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि नए अधिनियम को बिना राज्यों या जनता से परामर्श किए एकतरफा तरीके से पारित किया गया है, जिससे राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा और यह गरीबों और श्रमिक वर्ग के हितों के खिलाफ है।


उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस एमजीएनआरईजीए के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि CWC की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि एमजीएनआरईजीए बचाओ आंदोलन 5 जनवरी, 2026 से शुरू किया जाएगा, जो ग्रामीण और श्रमिक वर्ग के हितों की रक्षा के लिए होगा।


एमजीएनआरईजीए का इतिहास

एमजीएनआरईजीए कब लागू हुआ था?


एमजीएनआरईजीए, यूपीए सरकार के दौरान लागू किया गया था और इसे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना माना जाता रहा है। इसे बदलकर नया GRAM-G अधिनियम संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किया गया है और इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी भी मिल चुकी है।


कांग्रेस नेताओं का मानना है कि नए अधिनियम के तहत कई मौजूदा लाभ और सुरक्षा उपाय कमजोर हो जाएंगे, जिससे ग्रामीण गरीबों और श्रमिकों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए पार्टी ने इसे संसद में पारित किए गए फैसले के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है।


बैठक में यह भी तय किया गया कि पार्टी इस मुद्दे को राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर उठाएगी और जनता के बीच इसके संभावित प्रभावों को स्पष्ट रूप से बताएगी। कुल मिलाकर, कांग्रेस की रणनीति इस नए अधिनियम के खिलाफ सक्रिय विरोध और आंदोलन के जरिए सरकार पर दबाव बनाने की है।