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कांग्रेस की बैठक में बांग्लादेश का गान गाने पर विवाद

कांग्रेस की असम इकाई की बैठक में बांग्लादेश का गान गाने के विवाद ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। भाजपा ने इसे वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा बताते हुए कड़ी आलोचना की है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस घटना को भारत के प्रति अपमान करार दिया और कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया। कांग्रेस ने अपनी संस्कृति का हिस्सा बताते हुए इसका बचाव किया है। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
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कांग्रेस की बैठक में बांग्लादेश का गान गाने पर विवाद

कांग्रेस की असम इकाई पर उठे सवाल


नई दिल्ली: कांग्रेस की असम शाखा को उस समय आलोचना का सामना करना पड़ा जब करीमगंज जिले में आयोजित एक बैठक में बांग्लादेश का गान 'आमार सोनार बांग्ला' गाया गया। इस पर राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, आरोप लगाते हुए कि कांग्रेस 'ग्रेटर बांग्लादेश' के वोट बैंक की राजनीति कर रही है। भाजपा ने कहा कि यह घटना वोट बैंक को लुभाने की एक सुनियोजित कोशिश का हिस्सा है। कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह बंगाली संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।


भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बांग्लादेशी घुसपैठियों का समर्थन कर रही है, जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का दावा करते हुए जंगल राज और शरिया कानूनों को बढ़ावा दे रही है।


भाजपा ने क्या कहा?


पूनावाला ने कांग्रेस नेताओं द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए कहा, 'कांग्रेस ऐसे समय में बांग्लादेश का समर्थन कर रही है जब वह भारत को विभाजित करने की बात कर रही है। यह कांग्रेस और विपक्ष का एक पूर्व-नियोजित उपक्रम बन गया है।'


उन्होंने आगे कहा, 'एक ओर, कांग्रेस असम का अपमान करती है और बांग्लादेशी घुसपैठियों का समर्थन करती है। दूसरी ओर, जब हमारी सरकार अवैध प्रवासियों का पता लगाती है, उन्हें हटाती है और निर्वासित करती है, तो कांग्रेस उनका बचाव करती है।'


मुख्यमंत्री का निर्देश

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कानूनी कार्रवाई का दिया निर्देश


असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस घटना को भारत के प्रति घोर अनादर बताया और राज्य पुलिस को मामले की जांच करने का निर्देश दिया।


मुख्यमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'दो दिन पहले, श्रीभूमि जिले की जिला कांग्रेस कमेटी ने भारत के राष्ट्रगान के स्थान पर बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाया। यह भारत के लोगों का घोर अपमान है। यह कुछ बांग्लादेशी नागरिकों के नए दावों के अनुरूप है कि उत्तर-पूर्व अंततः बांग्लादेश का हिस्सा होगा।'


उन्होंने कहा, 'मैंने असम पुलिस को श्रीभूमि जिले की जिला समिति के खिलाफ मामला दर्ज करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।'




कांग्रेस का बचाव

कांग्रेस का जवाब


कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने राज्य इकाई के नेताओं का बचाव करते हुए कहा कि 'आमार सोनार बंगाल' की रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी, जो बंगाली संस्कृति की भावनाओं को दर्शाता है।


उन्होंने कहा, 'भाजपा ने हमेशा बंगाली भाषा, संस्कृति और लोगों का अपमान किया है। उनके आईटी सेल ने पहले भी बंगाल के लोगों का अपमान किया है। मुझे लगता है कि बंगाल के लोग और देश के विभिन्न हिस्सों में बंगाली भाषी लोग यह समझ गए हैं कि भाजपा उन्हें केवल वोट के लिए इस्तेमाल करती है।'


कांग्रेस अध्यक्ष का बयान

कांग्रेस अध्यक्ष तपस पुरकायस्थ का जवाब


विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीभूमि जिला कांग्रेस अध्यक्ष तपस पुरकायस्थ ने कहा, 'रवींद्रनाथ टैगोर के साथ राजनीति मत कीजिए। हमारे गौरव, 85 वर्षीय कवि विधु भूषण दास ने गीत की केवल दो पंक्तियाँ गाईं। इस गीत की आलोचना करना रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान करना है।'


इस बीच, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने कहा कि 'आमार सोनार बांग्ला' बंगालियों के लिए एक भावना है और इसे रवींद्रनाथ टैगोर ने 1905 में अंग्रेजों द्वारा बंगाल के विभाजन के विरोध में लिखा था। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'इसकी पहली 10 पंक्तियाँ 1971 में ही बांग्लादेश के राष्ट्रगान के रूप में अपनाई गईं। 'आमार सोनार बांग्ला' हम सभी बंगालियों के लिए एक भावना है।'


विवाद का सारांश

क्या है पूरा मामला?


बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्य के श्रीभूमि ज़िले में पार्टी की एक बैठक में एक कांग्रेस नेता द्वारा 'आमार सोनार बांग्ला' गाते हुए एक अज्ञात वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, इसने राजनीतिक बवाल मचा दिया और भाजपा ने पार्टी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।