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कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक पटना में, बिहार चुनाव की तैयारी शुरू

कांग्रेस की कार्य समिति की बैठक पटना में आयोजित की जा रही है, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी सहित अन्य नेता शामिल होंगे। यह बैठक बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कांग्रेस को अपनी सहयोगी पार्टियों पर दबाव डालकर अधिक सीटें हासिल करने की आवश्यकता है। 84 साल बाद सदाकत आश्रम में हो रही इस बैठक को नई लड़ाई का संकल्प माना जा रहा है। प्रियंका गांधी की मोतिहारी में रैली भी इस रणनीति का हिस्सा है।
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कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक पटना में, बिहार चुनाव की तैयारी शुरू

पटना में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के सभी प्रमुख नेता पटना में एकत्रित हो रहे हैं। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्लुसी) की बैठक बुधवार को पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।


बिहार चुनाव की घोषणा से पहले की तैयारी

यह ध्यान देने योग्य है कि बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा अगले दो हफ्तों में होने की संभावना है। इससे पहले, कांग्रेस को अपनी सहयोगी पार्टियों पर दबाव डालकर अधिक से अधिक सीटें हासिल करने की आवश्यकता है। यह बैठक कांग्रेस के लिए शक्ति प्रदर्शन का एक अवसर है। इसके दो दिन बाद, 26 सितंबर को प्रियंका गांधी वाड्रा मोतिहारी में एक बड़ी रैली का आयोजन करेंगी।


84 साल बाद सदाकत आश्रम में सीडब्लुसी की बैठक

पटना के सदाकत आश्रम में कांग्रेस की यह बैठक 84 वर्षों के बाद हो रही है। इससे पहले, 1940 में यहां सीडब्लुसी की बैठक हुई थी, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद, महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए थे।


नई लड़ाई का संकल्प

कांग्रेस इस बैठक को एक नई लड़ाई का संकल्प मान रही है। राहुल गांधी ने पिछले महीने वोटर अधिकार यात्रा की थी और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया था। पार्टी इस मुद्दे को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। हाल ही में तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले कार्यसमिति की बैठक हुई थी, जिसके बाद पार्टी वहां सत्ता में आई। कुछ दिन पहले, कांग्रेस ने गुजरात में भी कार्यसमिति की बैठक की थी। बिहार की बैठक का उद्देश्य अपनी ताकत दिखाना और राजद पर दबाव बनाना है। पिछली बार कांग्रेस ने बिहार में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, और इस बार वह 60 सीटों से कम पर लड़ने को तैयार नहीं है।