कांग्रेस को केरल में उपचुनावों में मिली जीत से मिली सांत्वना

कांग्रेस की केरल में जीत
कांग्रेस पार्टी को उपचुनावों में केरल से एक महत्वपूर्ण जीत मिली है, जबकि अन्य स्थानों पर उसकी स्थिति काफी खराब रही है। गुजरात की विसावदर सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार को केवल साढ़े पांच हजार वोट मिले, जिससे उनकी जमानत जब्त हो गई। इसी तरह, गुजरात की कडी सीट पर कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही, जबकि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार की जमानत भी जब्त हुई। कडी में कांग्रेस को लगभग 40 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा। लुधियाना वेस्ट में कांग्रेस के उम्मीदवार भारत भूषण आशु चुनाव हार गए, और पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही, जहां तृणमूल का उम्मीदवार विजयी रहा और भाजपा दूसरे स्थान पर रही। कुल मिलाकर, कांग्रेस को केरल की नीलांबुर सीट पर जीत से कुछ सांत्वना मिली है.
नीलांबुर की जीत का महत्व
कांग्रेस के नेता इस जीत को एक सकारात्मक संकेत मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह सिलसिला विधानसभा चुनावों में भी जारी रहेगा, ताकि वे लगातार तीसरी बार हारने से बच सकें। उल्लेखनीय है कि नीलांबुर सीट पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने काफी प्रयास किए थे, और उनकी ताकत निर्दलीय उम्मीदवार पीवी अनवर के समर्थन में थी। अनवर, जो पहले दो बार सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ के समर्थन से जीत चुके थे, हाल ही में मुख्यमंत्री पी विजयन का विरोध करते हुए एलडीएफ छोड़ चुके हैं और विधानसभा से इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे के बाद खाली हुई नीलांबुर सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस के आर्यदन शौकत ने जीत हासिल की, जिन्होंने सीपीएम के एम स्वराज को हराया। निर्दलीय पीवी अनवर केवल 20 हजार वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे, जबकि भाजपा के एडवोकेट मोहन जॉर्ज की जमानत भी जब्त हो गई। इस सीट पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी प्रचार किया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि अगले साल केरल विधानसभा चुनावों में प्रियंका गांधी की मांग बढ़ सकती है.