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कांग्रेस ने बिहार में महिला मतदाताओं के नाम काटने का आरोप लगाया

कांग्रेस पार्टी ने बिहार में महिला मतदाताओं के नामों में कटौती को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अलका लांबा ने कहा कि 23 लाख महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं, जिससे वे आगामी विधानसभा चुनावों में मतदान नहीं कर पाएंगी। उन्होंने इसे संविधान के खिलाफ बताया और पूरे देश में 'वोट चोरी' के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाने की घोषणा की। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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कांग्रेस ने बिहार में महिला मतदाताओं के नाम काटने का आरोप लगाया

महिला मतदाताओं के नामों में कटौती पर कांग्रेस का विरोध

नई दिल्ली। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने रविवार को नई दिल्ली में आयोजित कांग्रेस पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर चुनाव आयोग बिहार में SIR के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार में लगभग 3.5 करोड़ महिला मतदाता हैं, लेकिन करीब 23 लाख महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। इस कटौती के कारण ये महिलाएं आगामी विधानसभा चुनावों में मतदान नहीं कर पाएंगी। उनका कहना है कि यह निर्णय संविधान के खिलाफ है।


अलका लांबा ने यह भी बताया कि जिन 6 जिलों में महिलाओं के नाम काटे गए हैं, उनमें गोपालगंज, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, भोजपुर और पूर्णिया शामिल हैं। इन जिलों में लगभग 60 विधानसभा सीटें आती हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में, INDIA गठबंधन ने यहां 25 सीटें जीती थीं, और अब चुनाव आयोग ने इन सीटों पर SIR के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का प्रयास किया है।



उन्होंने कहा कि बिहार में 23 लाख महिलाओं के नाम काटे जाने के साथ ही लगभग 15 लाख पुरुषों के नाम भी वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। कांग्रेस पार्टी इस 'वोट चोरी' के खिलाफ पूरे देश में हस्ताक्षर अभियान चला रही है, जिसमें वे 5 करोड़ हस्ताक्षर जुटाने का लक्ष्य रख रहे हैं।


अलका लांबा ने सवाल उठाया कि जब ये महिलाएं पिछले साल लोकसभा चुनाव में वोट डाल चुकी थीं, तो क्या तब उनके वोट भी फर्जी थे? उन्होंने चेतावनी दी कि चुनाव आयोग की इस साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा।