Newzfatafatlogo

कांग्रेस ने बिहार में सीट बंटवारे के लिए की छंटनी समिति की बैठक

कांग्रेस पार्टी ने बिहार में सीट बंटवारे की तैयारी के तहत स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की, लेकिन पार्टी की स्थिति और रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले सात वर्षों से राज्य की कोई कमेटी नहीं होने के कारण कांग्रेस की चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। क्या यह पार्टी अपनी स्थिति को सुधार पाएगी? जानें पूरी कहानी में।
 | 
कांग्रेस ने बिहार में सीट बंटवारे के लिए की छंटनी समिति की बैठक

कांग्रेस की रणनीति पर सवाल

घोड़े के आगे बग्घी लगाना एक प्रसिद्ध मुहावरा है, लेकिन कांग्रेस ने इसे वास्तविकता में बदल दिया है। बिहार में सीट बंटवारे की तैयारी के तहत, कांग्रेस पार्टी ने पहले ही स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक आयोजित कर ली है। इस समिति की अध्यक्षता अजय माकन कर रहे हैं, जो पिछले महीने 13 अगस्त को पटना आए थे और उन्होंने पार्टी के टिकट के दावेदारों का साक्षात्कार लिया था। हालांकि, स्क्रीनिंग कमेटी की दूसरी बैठक पिछले हफ्ते निर्धारित थी, लेकिन इसे टाल दिया गया है। यह बैठक दिल्ली में होने वाली थी। ध्यान दें कि स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बैठक के समय राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा भी शुरू नहीं हुई थी।


इससे यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस ने उम्मीदवारों को भीड़ जुटाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से पहली बैठक आयोजित की, लेकिन अब दूसरी बैठक नहीं कर रही है क्योंकि पार्टी को यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सी सीटें उन्हें मिलेंगी। बिहार में कांग्रेस की स्थिति यह है कि पिछले लगभग सात वर्षों से राज्य की कोई कमेटी नहीं है। जनता दल यू में शामिल होने से पहले अशोक चौधरी द्वारा बनाई गई कमेटी आखिरी थी। इसके बाद मदन मोहन झा और अखिलेश प्रसाद सिंह अध्यक्ष बने, लेकिन वे कोई नई कमेटी नहीं बना सके। वर्तमान अध्यक्ष राजेश राम भी इस दिशा में कोई प्रगति नहीं कर पाए हैं। यहां तक कि प्रदेश चुनाव समिति का भी गठन नहीं हुआ है। सोचिए, बिना प्रदेश चुनाव समिति के कांग्रेस ने टिकटों के लिए छंटनी समिति की बैठक कैसे आयोजित की!