कांग्रेस ने रूस-पाकिस्तान सैन्य समझौते पर केंद्र सरकार को घेरा

कांग्रेस का आरोप: भारत की कूटनीति में कमी
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल
नई दिल्ली: कांग्रेस ने रूस और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य सहयोग समझौते पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने केंद्र से पूछा कि भारत का पुराना मित्र एक ऐसे देश को हथियार क्यों दे रहा है, जो इनका उपयोग भारत के खिलाफ कर सकता है।
रमेश ने यह भी कहा कि भारत पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने में असफल रहा है। उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के भड़काऊ बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है और रूस भी उन्हें हथियार दे रहा है। कांग्रेस ने सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है कि रूस ने ऐसा रुख क्यों अपनाया है।
रूस ने भारत की अपीलों को नजरअंदाज किया
रमेश ने कहा कि रूस ने भारत की अपीलों को अनसुना करते हुए पाकिस्तान को जेएफ-17 लड़ाकू विमानों के लिए एडवांस इंजन की सप्लाई जारी रखी है। ये वही विमान हैं, जिनका उपयोग भारत के खिलाफ किया गया था।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर के हस्तक्षेप के बावजूद यह डील आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जब भारत रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है, तब रूस का पाकिस्तान को हथियार देना चिंता का विषय है। रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति केवल इवेंट्स तक सीमित रह गई है।
आॅपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति
कांग्रेस ने कहा कि आॅपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तान पर अपनी पकड़ खो दी है। अमेरिका, चीन और सऊदी अरब अब पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े हैं, और अब रूस भी पाकिस्तान को हथियार देने के लिए तैयार है। यह भारत की कूटनीतिक चूक का परिणाम है।