कांग्रेस ने सीडीएस जनरल चौहान के बयान पर सरकार को घेरा

कांग्रेस का आक्रामक रुख
नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के सिंगापुर में दिए गए बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने संसद का विशेष सत्र बुलाने और ऑपरेशन सिंदूर की समीक्षा के लिए एक समिति बनाने की मांग की है। इसके साथ ही, कांग्रेस ने सभी विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर एकजुट होने का आग्रह किया है।
कांग्रेस ने यह सवाल उठाया है कि जनरल चौहान ने विदेशी धरती पर यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारत ने भी लड़ाकू विमान खोए, लेकिन प्रधानमंत्री ने विपक्ष को इस बारे में जानकारी नहीं दी।
विशेष सत्र की मांग
कांग्रेस ने रविवार को लगातार दूसरे दिन संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की और विपक्ष को भरोसे में लेने की अपील की। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को सभी दलों और देश को इस मामले में जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की रक्षा तैयारियों और रणनीति पर चर्चा करनी चाहिए।
रमेश ने यह भी कहा कि सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं को यह बताया जाना चाहिए कि जनरल चौहान ने सिंगापुर में क्या कहा।
सीडीएस का बयान
सीडीएस जनरल चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में शांगरी ला डायलॉग कार्यक्रम में एक इंटरव्यू में कहा था कि असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे। यह पहली बार है जब सेना ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारत के विमानों को भी नुकसान हुआ है। इस बयान को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है।
प्रधानमंत्री को सलाह
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी को सलाह दी है कि उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में खुद की तारीफ करने के बजाय दुश्मन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। खड़गे ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को कभी-कभी चुप रहना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि उन्हें चुनावों से अलग होकर देश के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
सर्वदलीय बैठक की आवश्यकता
जयराम रमेश ने चिंता जताई कि सिंगापुर से सीडीएस के ऐसे बयान आ रहे हैं। उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी विपक्ष को जानकारी क्यों नहीं दे सकते थे। उन्होंने कारगिल युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा गठित समीक्षा समिति का उदाहरण देते हुए ऐसी समिति बनाने की मांग की।