कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर कर्ज के मुद्दे को उठाया

कर्ज में डूबी जनता और बढ़ती संपत्ति
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि आम जनता कर्ज के बोझ तले दबी हुई है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी के करीबी मित्र मुनाफा कमा रहे हैं और उनकी संपत्ति लगातार बढ़ रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सभी सरकारी परियोजनाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत चल रही हैं, तो देश का कर्ज क्यों बढ़ रहा है।
जयराम रमेश ने एक समाचार पत्र की कटिंग साझा करते हुए लिखा कि पिछले ग्यारह वर्षों में मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, बल्कि सभी नीतियां केवल पूंजीपतियों के हित में बनाई गई हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। यह सच्चाई प्रतिदिन हमारे सामने आ रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक की हालिया रिपोर्ट ने देश की अर्थव्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को उजागर किया है। सरकार आंकड़ों के खेल और विशेषज्ञों की मदद से असली समस्याओं को छिपाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह सच है कि मोदी राज में देश पर कर्ज का बोझ अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
उन्होंने आगे बताया कि पिछले दो वर्षों में प्रति व्यक्ति कर्ज ₹90,000 बढ़कर ₹4.8 लाख हो गया है। आमदनी का 25.7% हिस्सा केवल कर्ज चुकाने में खर्च हो रहा है। सबसे अधिक 55% लोन क्रेडिट कार्ड और मोबाइल ईएमआई के लिए लिया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट है कि महंगाई के कारण परिवारों की आय से गुजारा नहीं हो रहा है और वे कर्ज लेने के लिए मजबूर हैं। असुरक्षित कर्ज 25% से अधिक हो चुका है। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि मार्च 2025 तक भारत पर विदेशी कर्ज 736.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, महंगाई से जनता परेशान है, और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब सभी सरकारी परियोजनाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत चल रही हैं, तो देश का कर्ज क्यों बढ़ रहा है? हर नागरिक पर ₹4,80,000 का कर्ज क्यों हो गया है?