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कांग्रेस में खड़गे और थरूर के बीच बढ़ता विवाद: क्या है असली कहानी?

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर पर तीखा कटाक्ष किया है, जो थरूर द्वारा पीएम मोदी की प्रशंसा के बाद आया। खड़गे ने थरूर की अंग्रेजी की तारीफ करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से उन पर निशाना साधा। थरूर ने सोशल मीडिया पर पलटवार किया, जिससे पार्टी में चल रहे तनाव का पता चलता है। यह विवाद कांग्रेस की आंतरिक एकता पर सवाल उठा सकता है, खासकर जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। जानें इस राजनीतिक उठापटक के पीछे की पूरी कहानी।
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कांग्रेस में खड़गे और थरूर के बीच बढ़ता विवाद: क्या है असली कहानी?

खड़गे का कटाक्ष

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर पर तीखा हमला किया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खड़गे ने बिना नाम लिए कहा, "कुछ लोगों के लिए मोदी पहले हैं, लेकिन हमारे लिए देश पहले है।" यह टिप्पणी थरूर द्वारा हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के बाद आई, जिसने पार्टी में विवाद को जन्म दिया।


थरूर की प्रशंसा पर खड़गे की प्रतिक्रिया

खड़गे की यह टिप्पणी तब आई जब थरूर को केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुना। इस अवसर पर थरूर ने पीएम मोदी की तारीफ की, जिसे कुछ कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की नीति के खिलाफ माना। खड़गे ने थरूर की अंग्रेजी की तारीफ करते हुए कहा, "शशि थरूर की इंग्लिश बहुत अच्छी है, इसलिए उन्हें कांग्रेस कार्यसमिति में रखा गया है।" यह बयान थरूर पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधने के रूप में देखा गया।


थरूर का जवाब

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर लिखा, "पंख मेरे हैं आसमान नहीं...मैं उड़ने की इजाजत नहीं लूंगा।" यह बयान उनकी स्वतंत्र सोच और पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेद को दर्शाता है। हाल के दिनों में थरूर और कांग्रेस हाईकमान के बीच तनाव बढ़ा है, और यह सार्वजनिक टिप्पणी इस तनाव को और उजागर करती है।


कांग्रेस में मतभेदों की स्थिति

यह पहली बार नहीं है जब थरूर और पार्टी नेतृत्व के बीच मतभेद सामने आए हैं। थरूर अपनी बेबाक राय और गैर-पारंपरिक बयानों के लिए जाने जाते हैं, जो कई बार पार्टी की आधिकारिक लाइन से मेल नहीं खाते। हाल के दिनों में थरूर ने कई मुद्दों पर सरकार के साथ सहमति जताई है, जिसे कुछ कांग्रेसी नेताओं ने असहज माना है। खड़गे का बयान इस असहजता को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने का प्रयास माना जा रहा है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि यह विवाद कांग्रेस के आंतरिक एकता पर सवाल उठा सकता है, खासकर जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि थरूर की लोकप्रियता और उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन नेतृत्व के साथ उनके मतभेद इस लाभ को कमजोर कर सकते हैं।