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कांग्रेस में थरूर का बढ़ता विवाद: क्या पार्टी को लेना चाहिए एक्शन?

कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने हाल के दिनों में पार्टी के लिए कई विवादास्पद स्थितियाँ उत्पन्न की हैं। उनकी मोदी की प्रशंसा और भाजपा के प्रति सहानुभूति ने कांग्रेस के भीतर असहजता पैदा कर दी है। पार्टी के नेता अब थरूर को 'भाजपा का सुपर प्रवक्ता' कह रहे हैं, जिससे कांग्रेस की वैचारिक स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। क्या पार्टी को थरूर के खिलाफ कोई कार्रवाई करनी चाहिए? यह सवाल अब कांग्रेस के लिए आत्म-निरीक्षण का विषय बन गया है।
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कांग्रेस में थरूर का बढ़ता विवाद: क्या पार्टी को लेना चाहिए एक्शन?

कांग्रेस के लिए थरूर बने चुनौती

शशि थरूर अब कांग्रेस के लिए एक मुश्किल स्थिति बन गए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई करने से भाजपा को कांग्रेस पर 'भारत विरोधी' होने का आरोप लगाने का अवसर मिलेगा। यदि पार्टी कोई कदम नहीं उठाती है, तो उसकी राजनीतिक स्थिति कमजोर होती जाएगी।


थरूर की मोदी की प्रशंसा

थरूर ने कांग्रेस के लिए असहज परिस्थितियाँ उत्पन्न की हैं, खासकर जब से उन्होंने नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। जबकि कांग्रेस की राजनीति मोदी की आलोचना पर आधारित है, थरूर ने पिछले कुछ महीनों में मोदी की तारीफ की है। एक बार उन्होंने कहा था कि मोदी जैसे नेता का प्रधानमंत्री होना भारत के लिए सौभाग्य की बात है। यह टिप्पणी यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में की गई थी।


कांग्रेस नेतृत्व की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेतृत्व अब थरूर के प्रति अपनी सहनशीलता खोता हुआ प्रतीत हो रहा है। हाल ही में, पार्टी नेता उदित राज ने थरूर को 'भाजपा का सुपर प्रवक्ता' कहा, जिसे पार्टी के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने भी सोशल मीडिया पर साझा किया। थरूर ने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के संदर्भ में भी विवादित बयान दिया है। सवाल यह है कि यदि कोई नेता पार्टी के लिए लगातार समस्याएँ उत्पन्न कर रहा है, तो कांग्रेस नेतृत्व उसे क्यों सहन कर रहा है?


कांग्रेस की वैचारिक स्थिति

थरूर की स्थिति कांग्रेस के लिए आत्म-निरीक्षण का विषय बन गई है। क्या इसका कारण यह है कि कांग्रेस के पास मोदी विरोध के अलावा कोई ठोस वैचारिक एजेंडा नहीं है? जैसे-जैसे थरूर पार्टी में बने रहेंगे, ये सवाल और भी महत्वपूर्ण होते जाएंगे।