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कांग्रेस में शामिल हुए आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन का इस्तीफा अभी तक लंबित

कन्नन गोपीनाथन, जो 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया है। हालांकि, उनका इस्तीफा अभी तक केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है, जिससे उनकी राजनीतिक भागीदारी पर संकट उत्पन्न हो गया है। गोपीनाथन ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खिलाफ इस्तीफा दिया था और अब वे चुनाव में भाग लेने की योजना बना रहे हैं। यदि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होता है, तो उन्हें चुनावी प्रक्रिया में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
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कांग्रेस में शामिल हुए आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन का इस्तीफा अभी तक लंबित

कन्नन गोपीनाथन का राजनीतिक सफर

केरल के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया है। उन्होंने छह साल पहले सरकारी सेवा से इस्तीफा दिया था, जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटाने और वहां की स्थिति को लेकर विरोध जताया था। तब से वे सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय हैं।


हालांकि, उनके इस्तीफे की एक तकनीकी समस्या है, क्योंकि केंद्र सरकार ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है। यह स्थिति दिलचस्प है कि छह साल से उनका इस्तीफा लंबित है और सरकारी रिकॉर्ड में वे दादर और नागर हवेली में ऊर्जा विकास सचिव के रूप में दर्ज हैं।


राजनीतिक भागीदारी में बाधाएं

गोपीनाथन ने कहा है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि सरकार उनके इस्तीफे को क्यों नहीं स्वीकार कर रही है। यदि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होता है, तो वे चुनाव में भाग नहीं ले पाएंगे। सरकारी सेवा के नियमों के अनुसार, कोई भी अधिकारी या कर्मचारी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो सकता और न ही चुनाव लड़ सकता है।


कांग्रेस में शामिल होने के बाद, यह देखना होगा कि सरकार उनके खिलाफ क्या कदम उठाती है। यदि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होता और वे चुनाव में नामांकन करते हैं, तो उनका नामांकन रद्द हो जाएगा। ध्यान रहे कि अगले साल केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं। यदि उनके इस्तीफे पर निर्णय नहीं होता है, तो उनके पास अदालत का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।