कांग्रेस सांसद का केंद्र सरकार पर तीखा हमला, पहलगाम हमले की नैतिक जिम्मेदारी की मांग

संसद सत्र में कांग्रेस का हमला
संसद सत्र: कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने सोमवार को लोकसभा में चल रही चर्चा के दौरान पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार और विशेष रूप से गृह मंत्री अमित शाह पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि इस गंभीर हमले की नैतिक जिम्मेदारी गृह मंत्री को लेनी चाहिए और वह राज्यपाल के पीछे नहीं छिप सकते।
गोगोई का बयान
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान गोगोई ने कहा कि गृह मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी। यह नहीं कहा जा सकता कि यह राज्यपाल की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश को यह जानने का हक है कि आतंकवादी देश में कैसे घुसे और अब तक क्यों नहीं पकड़े गए।
पहलगाम हमले के सौ दिन
पहलगाम हमले के सौ दिन
गौरव गोगोई ने बताया कि पहलगाम हमले को सौ दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक हमले में शामिल पांच आतंकियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आपके पास ड्रोन, पेगासस और सैटेलाइट हैं, फिर भी आप पांच आतंकियों को नहीं पकड़ पाए।
केंद्र सरकार पर सवाल
केंद्र सरकार पर सवाल
गोगोई ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि आतंकियों की घुसपैठ कैसे हुई, उनका उद्देश्य क्या था, और इतनी सुरक्षा के बावजूद वे बेसारन घाटी में कैसे पहुंचे, इन सभी सवालों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
उन्होंने कहा कि देश इस जवाब का इंतजार कर रहा है कि 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले आतंकवादी आखिर कहां हैं और सरकार अब तक चुप क्यों है। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार पूरे मामले को केवल ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पर्दे में छिपाने की कोशिश कर रही है। गोगोई के तीखे सवालों ने सदन में तनाव बढ़ा दिया, और विपक्षी सांसदों ने भी सरकार से जवाबदेही की मांग को और तेज कर दिया।
गौरव गोगोई का बयान
गौरव गोगोई का बयान
गौरव गोगोई का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब सरकार ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को पेश कर रही है, जिसमें नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया और सौ से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया था। लेकिन गोगोई का जोर इस बात पर रहा कि जिन आतंकियों ने हमला किया, वे अब तक क्यों नहीं पकड़े गए। इस बहस ने आंतरिक सुरक्षा और खुफिया तंत्र की विफलताओं पर नया सवाल खड़ा कर दिया है, जिसे लेकर आने वाले दिनों में और तीखी राजनीतिक बहस की संभावना है।