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कांग्रेस सांसद शशि थरूर का दिग्विजय सिंह के बयान पर संतुलित जवाब

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिग्विजय सिंह के आरएसएस की प्रशंसा करने वाले बयान पर संतुलित प्रतिक्रिया दी। इस बयान ने कांग्रेस में हलचल मचाई और भाजपा को हमला करने का नया मौका दिया। थरूर ने कांग्रेस के 140 साल के इतिहास का जिक्र करते हुए संगठन की मजबूती पर जोर दिया। दिग्विजय सिंह ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण दिया, जबकि भाजपा ने इसे भुनाने का प्रयास किया। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के सभी पहलू।
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर का दिग्विजय सिंह के बयान पर संतुलित जवाब

कांग्रेस के भीतर हलचल


नई दिल्ली: कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने रविवार को वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा आरएसएस की संगठनात्मक मजबूती की प्रशंसा करने वाले बयान पर संतुलित प्रतिक्रिया दी। इस बयान के बाद कांग्रेस में तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं, जिससे भाजपा को हमला करने का एक नया अवसर मिला। थरूर ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास 140 वर्षों का है और पार्टी अपने अनुभवों से बहुत कुछ सीख सकती है।


उन्होंने यह भी कहा कि संगठन में अनुशासन आवश्यक है और दिग्विजय सिंह अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। थरूर ने दिग्विजय सिंह को 'दोस्त' बताते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों के कारण कांग्रेस में हलचल मच गई थी, लेकिन बातचीत होना स्वाभाविक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन को मजबूत करना आवश्यक है और इस पर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए।


थरूर का बयान कब आया?

यह बयान कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस के अवसर पर आया। थरूर ने इसे पार्टी के लिए महत्वपूर्ण दिन बताया और कहा कि यह दिन कांग्रेस के गौरवमयी इतिहास और योगदान को याद करने का अवसर है।


इससे एक दिन पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी, जिसमें सरकार को B-G RAM G एक्ट के मुद्दे पर घेरने की रणनीति बनाई जा रही थी। लेकिन दिग्विजय सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट ने बैठक का माहौल प्रभावित किया। सिंह ने 1990 के दशक की एक तस्वीर साझा की, जिसमें युवा नरेंद्र मोदी जमीन पर बैठे थे जबकि वरिष्ठ भाजपा नेता कुर्सियों पर थे। सिंह ने इसे संगठन की ताकत बताते हुए मोदी के उभार को संगठन की देन कहा था।


भाजपा प्रवक्ता की प्रतिक्रिया

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में दिग्विजय सिंह ने पार्टी में अधिक केंद्रीकरण की आलोचना की और विकेंद्रीकरण की आवश्यकता बताई। भाजपा ने इस बयान को तुरंत भुनाया। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा 'गुदड़ी के लाल' को पहचानती है जबकि कांग्रेस जवाहर के लाल पर ध्यान देती है।


दिग्विजय सिंह का स्पष्टीकरण

बढ़ते विवाद के बीच, दिग्विजय सिंह ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से समझा गया है। उन्होंने दोहराया कि वह आरएसएस और प्रधानमंत्री मोदी के आलोचक रहे हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह आरएसएस की विचारधारा के विरोधी हैं, लेकिन उसकी संगठनात्मक क्षमता की सराहना करते हैं।


पवन खेड़ा की प्रतिक्रिया

इस बीच, कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने स्पष्ट कहा, 'RSS से सीखने जैसा कुछ नहीं है। गोडसे के लिए जानी जाने वाली संस्था गांधी द्वारा स्थापित संस्था को क्या सिखा सकती है?' पार्टी सांसद मणिक्कम टैगोर ने फुटबॉल में एक 'शानदार' ओन गोल का एक क्लिप साझा किया और लिखा, 'मशहूर सेल्फ गोल। हमारे पास एक है।'


उन्होंने बाद में जोड़ा, 'गोडसे के संगठन से नफरत के अलावा कुछ भी सीखने को नहीं है। 140 साल की कांग्रेस अभी भी युवा है, और नफरत से लड़ती है।'