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किन्नौर कैलाश यात्रा में आईटीबीपी का अद्भुत बचाव अभियान

हिमाचल प्रदेश में किन्नौर कैलाश यात्रा के दौरान आईटीबीपी के जवानों ने 889 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला। कठिन मौसम और भूस्खलन के बावजूद, उनकी बहादुरी और समर्पण ने एक अद्भुत बचाव अभियान का परिचय दिया। जानें इस साहसिक मिशन के बारे में और कैसे जवानों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में मानवता की सेवा की।
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किन्नौर कैलाश यात्रा में आईटीबीपी का अद्भुत बचाव अभियान

किन्नौर कैलाश यात्रा: साहस और सेवा की मिसाल

Kinner Kailash Yatra: हिमाचल प्रदेश से एक साहस और समर्पण की मिसाल पेश करने वाली खबर सामने आई है. कठिन भूभाग, तेज बारिश और फिसलन भरे रास्तों के बीच 17 बटालियन आईटीबीपी के जवानों ने मानवीय सेवा का अद्भुत परिचय देते हुए किन्नौर कैलाश यात्रा पर फंसे 889 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला. यह बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण मौसम और सीमित संसाधनों के बावजूद अंजाम दिया गया, जिसमें हर पल खतरे से भरा था.


पर्वतारोहण और रस्सी बचाव कौशल में निपुण आईटीबीपी के ‘हिमवीरों’ ने 10 घंटे से अधिक समय तक लगातार ऑपरेशन चलाकर सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. यह मिशन न केवल उनकी बहादुरी और धैर्य को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी भारतीय सुरक्षा बल जनता की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं.


भारी बारिश और भूस्खलन से हालात गंभीर

भारी बारिश और भूस्खलन से हालात गंभीर


किन्नौर जिले में भारी बारिश और भूस्खलन से हालात गंभीर हो गए हैं. बुधवार सुबह जिला प्रशासन को सूचना मिली कि मार्ग पर कई यात्री फंसे हुए हैं, जिसके बाद आईटीबीपी और एनडीआरएफ की संयुक्त बचाव टीमें तुरंत स्थल के लिए रवाना हुईं और रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया. इससे पहले, मंगलवार को अगले आदेश तक किन्नर कैलाश यात्रा को स्थगित कर दिया गया था.


रेस्क्यू टीमें पुर्बानी मार्ग से लोगों को निकाल रही हैं, क्योंकि तांगलिपी और कांगरंग नालों पर बने पुल बह चुके हैं. यात्रा के लिए पंजीकरण भी रोक दिया गया है. आईटीबीपी टीम के साथ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम भी बचाव कार्य में जुटी है.


राष्ट्रीय मार्ग पर पत्थरों की बरसात

राष्ट्रीय मार्ग पर पत्थरों की बरसात


भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर भूस्खलन और पहाड़ी से पत्थरों की बरसात शुरू हो गई है. किन्नौर और लाहौल-स्पीति को जोड़ने वाला राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5, ज्यूरी के निकट पूरी तरह अवरुद्ध है. चौरा और स्किबा के पास भी मार्ग बंद है, जिससे किन्नौर और स्पीति का काजा क्षेत्र देश-दुनिया से कट गया है. किन्नौर के निगुलसरी में एचआरटीसी की बस पर पत्थर गिरने से शीशा टूट गया, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ.