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किसानों का प्रदर्शन: 14 गांवों में केवल 1400 बैग पहुंचे, स्थिति तनावपूर्ण

चर्की दादरी में रबी फसलों की बुवाई के समय किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 14 गांवों के लिए केवल 1400 बैग खाद पहुंचने पर किसानों ने प्रदर्शन किया और सरकार पर धांधली का आरोप लगाया। स्थिति तनावपूर्ण है, और यदि जल्द ही खाद की आपूर्ति नहीं की गई, तो किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
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किसानों का प्रदर्शन: 14 गांवों में केवल 1400 बैग पहुंचे, स्थिति तनावपूर्ण

किसानों की बढ़ती नाराजगी


चर्की दादरी समाचार - उपमंडल क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई का समय नजदीक आते ही किसानों में डीएपी खाद और बीज प्राप्त करने की होड़ मच गई है। खाद बिक्री केंद्रों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है, जिससे किसानों और बिक्री अधिकारियों के बीच झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो रही है। सोमवार को कारी धारणी पैक्स केंद्र पर जब 1400 बैग पहुंचे, तो क्षेत्र के 14 गांवों के लगभग 800 से 1000 किसानों की भीड़ इकट्ठा हो गई। सुबह पांच बजे से लेकर शाम तक धक्का-मुक्की के बीच टोकन वितरण किया गया, जिसके बाद किसानों को खाद मिलने की उम्मीद में शांत किया गया। खाद से वंचित किसानों ने सरकार और प्रशासन पर धांधली का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की।


खाद की आपूर्ति में कमी

कारी प्राथमिक सहकारी समिति के तहत कारीदास, कारी धारणी, कारी रुपा, कारी मोद, गोपी, पंचगावां, काकड़ौली हुक्मी, द्वारका जैसे गांवों के किसानों को खाद और बीज मुहैया कराने की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन यहां केवल 500 बैगों की आपूर्ति हुई है। विकास कुमार, आनंद, रमेश कुमार, रामकिशन, सूबेसिंह और होशियार सिंह जैसे किसानों ने बताया कि उन्हें कम से कम 20,000 बैगों की आवश्यकता थी, लेकिन केवल 2000 बैग ही उपलब्ध कराए गए। इससे किसानों का धैर्य टूट गया और वे सुबह से ही लंबी कतारों में खड़े हो गए।


डीएपी की आपूर्ति पर बैंक चेयरमैन का बयान

केन्द्रीय सहकारी बैंक के चेयरमैन सुधीर चांदवास का बयान


खाद बिक्री में लगे अधिकारियों ने गांव के सरपंचों को बुलाकर अनुशासन के साथ शाम तक आधार कार्ड के आधार पर टोकन वितरण किया। चेयरमैन सुधीर चांदवास ने कहा कि जिले में डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति की जा रही है और सभी को समय पर खाद मिलेगी।


युवा किसान संदीप सांगवान, सरपंच बलजीत सिंह, सुरेश साहब, सूबेदार महिपाल स्वामी, राजेश सरपंच, बंसीलाल, विकास बांगड़वा और नवीन डाडमा जैसे किसानों ने बताया कि खरीफ सीजन की फसलें खराब हो गई थीं, जिसके कारण वे जल्दी से खेतों को खाली कर रहे हैं। लेकिन अब उन्हें डीएपी के लिए भटकना पड़ रहा है। 14 गांवों को अब तक केवल 2000 बैगों की आपूर्ति होना किसानों के साथ अन्याय है। यदि जल्द ही आपूर्ति नहीं की गई, तो किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।