कुमारी सैलजा का सरकार पर आक्रोश, बीपीएल कार्डों की कटौती पर उठाए सवाल
कुमारी सैलजा का बयान
कुमारी सैलजा ने चंडीगढ़ में कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार गरीबों के हितों पर लगातार हमला कर रही है। चुनावों से पहले बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़ती है, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें नए नियमों के आधार पर सूची से बाहर कर दिया जाता है। यह कदम गरीबों के लिए अत्यंत अन्यायपूर्ण है, जो पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
बीपीएल परिवारों के लिए नए मानदंड
सैलजा ने मीडिया को बताया कि सरकार ने बीपीएल परिवारों को सूची से बाहर करने के लिए कठोर मानदंड लागू किए हैं। जिन परिवारों का बिजली बिल अधिक है, उन्हें इस सूची से हटा दिया जा रहा है। इससे हजारों परिवार प्रभावित होंगे और उनके राशन कार्ड रद्द होने का खतरा बढ़ गया है। यह निर्णय हरियाणा के गरीबों के साथ सीधा अन्याय है।
महंगाई और बिजली बिल
उन्होंने कहा कि वर्तमान महंगाई में 2,000 रुपये का बिजली बिल सामान्य घरेलू खर्च है, न कि विलासिता। सरकार गरीबों को राहत देने के बजाय उनके अधिकारों को छीनने पर तुली हुई है। हरियाणा के कई क्षेत्रों में बीपीएल परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।
आय में वृद्धि का विवाद
कुमारी सैलजा ने बताया कि सरकार ने अचानक 6.36 लाख परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर कर दिया है। चार महीने पहले बीपीएल परिवारों की संख्या 52 लाख थी, जो अब घटकर 46 लाख रह गई है। सरकार का कहना है कि इन परिवारों की आय 1.80 लाख से अधिक हो गई है, लेकिन इस पर सवाल उठने लगे हैं।
राशन कार्ड रद्द होने की समस्या
जब प्रभावित लोग राशन लेने गए, तो उन्हें बताया गया कि उनका राशन कार्ड रद्द हो चुका है। कई मामलों में, परिवारों के नाम पर बड़े वाहन रजिस्टर्ड होने की जानकारी मिली, जबकि उनके पास कोई वाहन नहीं था। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
सरकार से मांग
कुमारी सैलजा ने सरकार से मांग की कि बीपीएल परिवारों के नाम काटने का निर्णय तुरंत वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि गरीबों को राहत देने वाली योजनाओं में कटौती करने के बजाय उन्हें मजबूत किया जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी इस अन्याय के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष करेगी।
