कृतिका कामरा ने फेमिनिज्म पर की खुलकर चर्चा, बताया असली अर्थ

फेमिनिज्म का असली मतलब समझाने की कोशिश
टेलीविजन की दुनिया से निकलकर 'बंबई मेरी जान' जैसी वेब सीरीज में अपने बेहतरीन अभिनय से पहचान बनाने वाली कृतिका कामरा ने हाल ही में फेमिनिज्म पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि आजकल 'फेमिनिस्ट' शब्द को इतना तोड़-मरोड़ दिया गया है कि लोग इसका असली अर्थ भूल गए हैं। इसे एक नकारात्मक शब्द बना दिया गया है।कृतिका ने एक इंटरव्यू में फेमिनिज्म के बारे में खुलकर बात की और इस शब्द से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे खुद को फेमिनिस्ट मानती हैं, तो उन्होंने बिना किसी संकोच के कहा, "फेमिनिस्ट का मतलब पुरुषों से नफरत करना नहीं है। इसका सीधा अर्थ है - समानता का अधिकार।"
उन्होंने आगे कहा, "इसका मतलब है कि किसी भी व्यक्ति के साथ उसके लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। सभी को समान अवसर और अधिकार मिलने चाहिए, चाहे वह पुरुष हो या महिला।"
कृतिका का मानना है कि इस शब्द को जानबूझकर नकारात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा, "आज अगर कोई महिला अपने अधिकारों की बात करती है, तो उसे 'मुंहफट' या 'बदतमीज़' कहा जाता है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग समानता की लड़ाई को पुरुषों के खिलाफ जंग समझ लेते हैं।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि फेमिनिज्म का उद्देश्य किसी एक लिंग को दूसरे से ऊपर दिखाना नहीं है, बल्कि एक ऐसा समाज बनाना है जहाँ दोनों लिंग समानता के साथ आगे बढ़ सकें। 'बंबई मेरी जान' में हबीबा का शक्तिशाली किरदार निभाने वाली कृतिका कामरा असल जिंदगी में भी अपने विचारों को लेकर स्पष्ट और निडर हैं। उनका यह बयान उन सभी के लिए एक आईना है जो फेमिनिज्म के असली अर्थ को समझे बिना उसकी आलोचना करते हैं।