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केंद्र सरकार के नए श्रम कोड पर प्रियंका गांधी का तीखा हमला

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार के नए श्रम कोड पर तीखा हमला किया है, आरोप लगाते हुए कि ये श्रमिकों के अधिकारों में कटौती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों को सरल बनाने के नाम पर श्रमिकों की सुरक्षा को खत्म किया जा रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और श्रम कोड के संभावित प्रभावों के बारे में।
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केंद्र सरकार के नए श्रम कोड पर प्रियंका गांधी का तीखा हमला

नए श्रम कोड का विवाद

चार नए श्रम कोड: मोदी सरकार ने हाल ही में चार नए श्रम कोड लागू किए हैं, जिन्हें श्रमिकों की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया है। लेकिन विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इन कोड के माध्यम से श्रमिकों के अधिकारों में कटौती की जा रही है। इस मुद्दे पर बुधवार को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर नए श्रम कोड को लेकर तीखा हमला किया है।

प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "श्रम कानूनों को सरल बनाने के नाम पर केंद्र सरकार ने चार नए श्रम कोड पेश किए हैं। इस बहाने श्रमिकों के अधिकारों को छीन लिया गया है। पहले से मिली सुरक्षा को खत्म कर दिया गया है और श्रमिकों के शोषण के नए रास्ते खोले गए हैं। इन कानूनों के जरिए नरेंद्र मोदी जी की पूंजीपति-समर्थक और श्रमिक-विरोधी सोच एक बार फिर उजागर हुई है। ये कानून देश के लिए स्वीकार्य नहीं हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और समस्त विपक्ष ने आज इन शोषणकारी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया।"

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने चार श्रम कोड - कोड ऑन वेजेज, 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशन्स कोड, 2020, कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी, 2020 और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड, 2020 - को पिछले महीने 21 नवंबर से लागू किया है, जिससे 29 मौजूदा श्रम कानूनों में सुधार किया गया है। सरकार ने श्रम कोड के कई लाभों में समय पर वेतन, महिलाओं को रात की शिफ्ट में शामिल करना और गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा पर जोर दिया है। हालांकि, विपक्ष ने इससे जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चिंता व्यक्त की है।