केजरीवाल का केंद्र सरकार पर हमला: अमेरिका के खिलाफ उठाए कदम

किसानों की समस्याओं पर केजरीवाल का बयान
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव और किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे अपील की है कि देश आपके साथ है, बस अमेरिका पर 75 प्रतिशत आयात शुल्क लगाएं और दिखाएं कि भारत किसी दबाव में नहीं झुकता। इसके साथ ही, उन्होंने कपास आयात शुल्क को हटाने के निर्णय को किसान विरोधी बताया।
अमेरिका के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग
केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका ने भारत के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है। ऐसे में मोदी सरकार को 75 प्रतिशत आयात शुल्क लगाकर अमेरिका को सबक सिखाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'देश मोदीजी के साथ खड़ा है, बस एक बार साहस दिखाइए। अगर 75 प्रतिशत शुल्क लगेगा तो ट्रंप को झुकना ही पड़ेगा।' उन्होंने ट्रंप को कायर और कमजोर नेता करार दिया, जिन्हें सख्त जवाब मिलना चाहिए।
कपास पर शुल्क हटाने का विरोध
केजरीवाल ने केंद्र सरकार के उस निर्णय पर भी आपत्ति जताई, जिसमें अमेरिकी कपास पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क को दिसंबर 2025 तक हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी किसान तो समृद्ध होंगे, लेकिन भारत के किसान, विशेषकर गुजरात के, बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि जब अमेरिकी कपास सस्ते दामों पर बाजार में आएगा, तो भारतीय किसानों को 900 रुपये से भी कम दाम मिलेंगे, जिससे वे कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या करने को मजबूर हो सकते हैं।
किसानों की स्थिति पर चिंता
आप नेता ने कहा कि किसान बीज और खाद खरीदने के लिए कर्ज लेते हैं और मजदूरों को पैसे देते हैं, लेकिन अगर उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलेगा तो वे कर्ज कैसे चुकाएंगे? उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की नीतियां किसानों को आत्महत्या की ओर धकेल रही हैं। यह संकट केवल कृषि तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे हीरा उद्योग और अन्य निर्यात आधारित व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे हैं।
केंद्र पर झुकने का आरोप
केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सामने झुकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अमेरिकी दबाव में आकर न केवल किसानों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि देश की आर्थिक स्वतंत्रता पर भी चोट की है। उन्होंने मांग की कि अमेरिकी कपास पर फिर से शुल्क लगाया जाए, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।