केरल में राजनीतिक बदलाव: क्या भाजपा को मिलेगी नई ताकत?

केरल में राजनीतिक रुझानों में बदलाव
केरल, जो परंपरागत रूप से वामपंथी दलों और कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, में राजनीतिक रुझानों में एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है। हाल ही में 'पॉलिटिकल वाइब' द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में केंद्र सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित नीतियों को पहले से कहीं अधिक समर्थन मिल रहा है। यह सर्वेक्षण 50 विधानसभा क्षेत्रों में 2,184 उत्तरदाताओं की राय पर आधारित है।
सीजफायर पर व्यापक समर्थन
सीजफायर को लेकर सरकार के निर्णय को मिला व्यापक समर्थन
सर्वेक्षण में यह पाया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत द्वारा किए गए युद्ध विराम समझौते को लोगों का भारी समर्थन मिला है। लगभग 72% लोगों ने इसे सही कदम बताया, और 80% से अधिक उत्तरदाताओं ने इसे 5 में से 4 या 5 की रेटिंग दी। विशेष रूप से, ईसाई समुदाय में 70.74% लोगों ने युद्ध विराम के फैसले को सराहा, और 45.86% ने कहा कि मोदी सरकार को फिर से सत्ता में आना चाहिए।
राहुल गांधी की तुलना में मोदी सरकार पर भरोसा
सर्वेक्षण में 65.73% लोगों ने कहा कि राहुल गांधी इस स्थिति को बेहतर तरीके से नहीं संभाल सकते थे, जो सरकार की निर्णय क्षमता और राष्ट्रीय संकटों से निपटने की रणनीति के प्रति विश्वास को दर्शाता है।
मुस्लिम समुदाय का समर्थन
मुस्लिम समुदाय का सोच-समझकर समर्थन
हालांकि मुस्लिम समुदाय ने अधिक सतर्क रुख अपनाया है, फिर भी आंकड़े सरकार के प्रति आंशिक समर्थन का संकेत देते हैं। 77.47% मुस्लिम उत्तरदाताओं ने युद्ध विराम पर सहमति जताई, जबकि 63.66% ने भारत को इस संघर्ष में विजेता माना। 79.40% लोगों ने माना कि सेना की मजबूती में आधुनिक हथियारों की खरीद ने अहम भूमिका निभाई है।
सेना को मिला जनता का समर्थन
सेना को मिला जनता का जबरदस्त समर्थन
भारतीय सशस्त्र बलों के प्रदर्शन को सर्वेक्षण में सबसे अधिक सराहना मिली। 91% से अधिक उत्तरदाताओं ने ऑपरेशन सिंदूर के संचालन की तारीफ की, और लगभग 90% ने सीमाओं पर बलों की तत्परता को उच्च अंक दिए। हथियारों की खरीद को भी हर वर्ग में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली — 79.40% मुस्लिम और 87.76% ईसाई उत्तरदाताओं ने इस पहल का समर्थन किया।
युद्ध-विरोधी टिप्पणियों पर नकारात्मक प्रतिक्रिया
युद्ध-विरोधी टिप्पणियों को मिली नकारात्मक प्रतिक्रिया
सीपीआई(एम) नेता जॉन ब्रिटास और एम. स्वराज द्वारा सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाने वाले बयानों को जनता ने बड़े पैमाने पर खारिज कर दिया। कुल 47.64% उत्तरदाताओं ने इन बयानों से असहमति जताई, जबकि केवल 13.10% ने समर्थन किया। ईसाई समुदाय में 46.17% और मुस्लिम समुदाय में 29.27% लोगों ने इन टिप्पणियों से असहमति प्रकट की।
भाजपा के लिए नई उम्मीदें
भाजपा के लिए नई उम्मीदें
इस सर्वेक्षण के नतीजे यह दर्शाते हैं कि केरल जैसे राज्य में भी भाजपा के प्रति सकारात्मक धारणा बन रही है, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदायों में। केंद्र सरकार की मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और सेना की तैयारी को लेकर जनता में विश्वास बढ़ा है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो भाजपा को आने वाले चुनावों में केरल में पहले से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।