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केरल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सीपीएम के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा

केरल विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही कांग्रेस और सीपीएम के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर सीपीएम के सांसद जॉन ब्रिटास ने हमले किए हैं, जिसमें उन्होंने प्रियंका की प्रधानमंत्री मोदी के साथ चाय पार्टी में भागीदारी और राहुल की विदेश यात्रा पर सवाल उठाए हैं। जानें इस राजनीतिक संघर्ष के पीछे की रणनीतियाँ और आगामी चुनाव में इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है।
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केरल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सीपीएम के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा

कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के बीच टकराव

कांग्रेस और वाम दलों के बीच सामान्य सहमति होने के बावजूद, हाल के दिनों में राहुल गांधी के नए सलाहकार, सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, की नियुक्ति ने चर्चा को बढ़ा दिया है। केरल विधानसभा चुनाव नजदीक आने के कारण, वाम नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीपीएम को यह भली-भांति ज्ञात है कि उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस से है, जिसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं, जिनका मुस्लिम और ईसाई समुदायों में अच्छा समर्थन है। प्रियंका वर्तमान में वायनाड से सांसद हैं, जबकि राहुल गांधी पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। दोनों नेता केरल विधानसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाएंगे, इसलिए सीपीएम ने उन पर हमले तेज कर दिए हैं।


सीपीएम के सांसद जॉन ब्रिटास ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राहुल और प्रियंका पर निशाना साधा। उन्होंने पहले प्रियंका पर हमला किया, जब शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन स्पीकर द्वारा आयोजित चाय पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। प्रियंका ने इस बैठक में भाग लिया, जबकि राहुल ऐसी बैठकों से दूर रहते हैं। ब्रिटास ने कहा कि सरकार ने मनरेगा बिल को समाप्त कर दिया और एक खराब कानून लागू किया, फिर भी प्रियंका प्रधानमंत्री के साथ हंसते-मुस्कुराते नजर आईं। इसके बाद, उन्होंने मनरेगा के स्थान पर जी राम जी बिल लाने के बहाने राहुल पर भी हमला किया। सीपीएम सांसद ने सवाल उठाया कि जब सरकार ने 50 करोड़ लोगों को प्रभावित किया, तब राहुल विदेश में क्यों थे। इससे यह संकेत मिलता है कि सीपीएम चुनाव में मनरेगा को समाप्त करने और जी राम जी बिल को एक बड़ा मुद्दा बनाने की योजना बना रही है।