केरल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनौतियाँ और भाजपा की रणनीतियाँ

कांग्रेस की चिंता और भाजपा की रणनीति
केरल में विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही कांग्रेस पार्टी की चिंताएँ बढ़ती जा रही हैं। पार्टी के भीतर गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है, वहीं भाजपा ऐसी राजनीति कर रही है, जिसका उद्देश्य स्पष्ट है कि भले ही सीपीएम का गठबंधन जीत जाए, लेकिन कांग्रेस को हार का सामना करना पड़े। हालाँकि, एक उपचुनाव में कांग्रेस की जीत ने पार्टी के नेताओं में कुछ उत्साह भर दिया है, लेकिन शशि थरूर के मामले से लेकर अन्य नेताओं के बीच की अंदरूनी खींचतान जारी है। कांग्रेस के कई नेता राहुल गांधी के करीबी केसी वेणुगोपाल को पसंद नहीं करते हैं, फिर भी यह स्पष्ट है कि केरल में निर्णय वेणुगोपाल के अनुसार ही होंगे।
इस बीच, कांग्रेस के एक नेता की सोशल मीडिया चैट लीक होने से पार्टी की चिंताएँ और बढ़ गई हैं। तिरूवनंतपुरम के जिला अध्यक्ष पलोदी रवि ने एक बातचीत में कहा कि अगले चुनाव में कांग्रेस का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। उन्होंने भाजपा की रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा 60 सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करेगी। उनका कहना था कि जैसे लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पैसे खर्च कर शानदार प्रदर्शन किया, उसी तरह विधानसभा चुनाव में भी करेगी, जिससे कांग्रेस का पतन होगा और लेफ्ट मोर्चा सत्ता में बना रहेगा। चैट लीक होने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया। इसके बाद यह प्रचारित किया गया कि वे तिरूवनंतपुरम से हैं, जहाँ थरूर सांसद हैं। इसका मतलब यह है कि वे सांसद के करीबी हैं, इसलिए ऐसी बातें कर रहे हैं। लेकिन उनकी बातें पूरी तरह से निराधार नहीं हैं। लोकसभा में भाजपा ने केरल में एक सीट जीती और एक सीट बहुत मामूली अंतर से हारी। विधानसभा चुनाव के लिए भी भाजपा वैसी ही तैयारी कर रही है।