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केरल विधानसभा चुनाव से पहले विवादों का नया दौर

केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और इसके साथ ही राजभवन से विवादों का सिलसिला शुरू हो गया है। आरिफ मोहम्मद खान के बिहार जाने के बाद विवादों की शुरुआत हुई है। हाल ही में एक कार्यक्रम में भारत माता की तस्वीर को लेकर लेफ्ट मोर्चे की सरकार ने आपत्ति जताई, जिससे भाजपा की राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आई है। जानें इस बार के चुनाव में भाजपा के रणनीतिक कदम और उनके संभावित प्रभाव के बारे में।
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केरल विधानसभा चुनाव से पहले विवादों का नया दौर

चुनाव की तैयारी में विवादों की शुरुआत

केरल में अगले साल मई में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिससे चुनावी गतिविधियों में तेजी आ गई है। राजभवन से विवादों का सिलसिला शुरू हो चुका है। आरिफ मोहम्मद खान के बिहार जाने और बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के केरल राजभवन पहुंचने के बाद कुछ समय तक स्थिति सामान्य रही। लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, विवादों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले महीने में दो प्रमुख विवाद सामने आए हैं, जिनमें भाजपा के तमिलनाडु के विचारक और अर्थशास्त्री एस गुरुमूर्ति का नाम जुड़ा हुआ है।


हाल ही में केरल राजभवन में कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारत माता की एक तस्वीर लगाई गई, जिसमें वह भगवा झंडा थामे हुए थीं। यह तस्वीर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों में देखने को मिलती है। इस पर राज्य की लेफ्ट मोर्चे की सरकार ने आपत्ति जताते हुए कार्यक्रम का स्थान बदल दिया और इसे राजभवन के बाहर आयोजित किया। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा ने केरल में अपनी राजनीतिक गतिविधियों को तेज कर दिया है। मुस्लिम और ईसाई बहुल इस राज्य में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है और उसके वोट प्रतिशत में लगातार वृद्धि हो रही है। भाजपा हिंदू बनाम मुस्लिम और ईसाई के मुद्दे को उभारने की कोशिश कर रही है, जिससे उसे राजनीतिक लाभ मिल सकता है।