केशव प्रसाद मौर्य की नई जिम्मेदारी से बढ़ा भाजपा में कद
केशव प्रसाद मौर्य का बढ़ता कद
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का भाजपा में कद हाल ही में और अधिक बढ़ गया है। बिहार विधानसभा चुनाव में सह प्रभारी के रूप में सफल प्रदर्शन के बाद, उन्हें पार्टी विधायक दल का नेता चुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। यह जिम्मेदारी उनके लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे पहले भी उन्हें कई महत्वपूर्ण कार्य सौंपे गए थे।
भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है, और अब पार्टी विधायक दल के नेता का चुनाव होना है। इस प्रक्रिया के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया है। पार्टी के केंद्रीय कार्यालय प्रभारी अरुण सिंह द्वारा जारी पत्र के अनुसार, मौर्य के साथ केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को सह पर्यवेक्षक बनाया गया है।
केशव का कद कैसे बढ़ा?
केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी में 2017 के चुनाव में पार्टी का नेतृत्व किया था, जब वह प्रदेश अध्यक्ष थे। उस समय भाजपा ने 14 साल बाद सत्ता में वापसी की थी और तीन चौथाई बहुमत से सरकार बनाई थी। इसके बाद, उन्हें 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई थी, जहां भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में भी उन्हें चुनाव प्रबंधन में शामिल किया गया था।
बढ़ते कद के पीछे की वजहें
यूपी में भाजपा ने पहली बार ओबीसी चेहरे कल्याण सिंह के नेतृत्व में सत्ता हासिल की थी। 2017 में जब सरकार बनी, तब केशव प्रसाद मौर्य पार्टी के प्रमुख चेहरे थे। इस कारण पार्टी में यह चर्चा होती रहती है कि ओबीसी वोट बैंक महत्वपूर्ण है, और इसके लिए पार्टी को ओबीसी चेहरों की आवश्यकता है। वहीं, हिंदुत्व के ध्रुवीकरण के जवाब में विपक्ष लगातार PDA का कार्ड खेल रहा है।
