कोलकाता में छात्रा के साथ गैंगरेप: कॉलेज प्रशासन ने तीन आरोपियों को किया निष्कासित

कोलकाता में गैंगरेप की घटना पर बढ़ता जनआक्रोश
कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना ने समाज में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना के छह दिन बाद, कॉलेज प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को कॉलेज से निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय छात्रों के विरोध और घटना की गंभीरता को देखते हुए लिया गया।
मुख्य आरोपी की पहचान और निष्कासन
मुख्य आरोपी मोनोजित मिश्रा, जो घटना के केवल 45 दिन पहले कॉलेज में संविदा कर्मचारी के रूप में शामिल हुआ था, उसे भी कॉलेज से बाहर कर दिया गया है। इसके अलावा, उसके दो साथी जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी, जो पीड़िता के सीनियर थे, को भी निष्कासित किया गया है। वर्तमान में तीनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और 1 जुलाई तक न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं।
विधायक की अध्यक्षता में हुई बैठक
कॉलेज की गवर्निंग बॉडी की बैठक मंगलवार को टीएमसी विधायक अशोक कुमार देब की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक के बाद, देब ने बताया कि मोनोजित मिश्रा की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया गया है, और अन्य दो छात्रों को भी तुरंत निष्कासित किया जाएगा। इसके साथ ही, कॉलेज परिसर की सुरक्षा में तैनात एजेंसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
मुख्य आरोपी का कॉलेज से संबंध
मोनोजित मिश्रा न केवल कॉलेज का पूर्व छात्र है, बल्कि टीएमसी छात्र परिषद (TMCP) से भी उसका गहरा संबंध रहा है। जानकारी के अनुसार, उसने 2013 में कॉलेज में दाखिला लिया था, लेकिन चेतला ब्रिज पर एक युवक पर चाकू से हमला करने के आरोप में उसे निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद, वह 2017 में फिर से कॉलेज में दाखिल हुआ और 2022 में ग्रैजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
घटना का विवरण
पीड़िता के अनुसार, 25 जून को वह दोपहर लगभग 4 बजे कॉलेज पहुंची थी। मुख्य आरोपी ने उसे यूनियन रूम के पास रुकने के लिए कहा और शादी का प्रस्ताव रखा। जब उसने मना किया, तो आरोपी ने उसे जबरदस्ती सुरक्षा गार्ड के कमरे में खींच लिया, जहां अन्य दो आरोपियों ने दरवाजा बंद कर दिया। पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उसकी विनती को नजरअंदाज करते हुए उसके साथ बलात्कार किया। घटना के बाद किए गए मेडिकल परीक्षण और सीसीटीवी फुटेज ने उसके बयान की पुष्टि की है।