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क्या NCERT की पाठ्यपुस्तकों से हटेगा 'ग्रेट' शब्द? असम के मुख्यमंत्री का विवादास्पद बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने NCERT द्वारा इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से 'ग्रेट' शब्द हटाने के कदम का समर्थन किया है। इस पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, जबकि RSS नेता सुनील अम्बेकर ने इस बदलाव का दावा किया है। राजनीतिक हलकों में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है, जिसमें विभिन्न नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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क्या NCERT की पाठ्यपुस्तकों से हटेगा 'ग्रेट' शब्द? असम के मुख्यमंत्री का विवादास्पद बयान

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का समर्थन


असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को NCERT द्वारा इतिहास की किताबों से मुगल सम्राट अकबर और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के नामों से 'ग्रेट' शब्द हटाने की संभावित पहल का समर्थन किया। बोंगाईगांव में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि टीपू-इपू को पूरी तरह से हटाना चाहिए, और यहां तक कि उन्हें समुद्र में फेंकने की बात कही।


RSS नेता सुनील अम्बेकर का दावा

सरमा ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने संशोधित पाठ्यपुस्तकों को अभी तक नहीं देखा है, लेकिन यदि NCERT ने ऐसा किया है, तो वह इसे सही मानते हैं। इससे पहले, RSS नेता सुनील अम्बेकर ने कहा था कि अब इतिहास की किताबों में अकबर द ग्रेट और टीपू सुल्तान द ग्रेट जैसे शीर्षकों का उपयोग नहीं किया जाएगा, हालांकि किसी ऐतिहासिक व्यक्ति को हटाया नहीं गया है। इस बदलाव के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गईं।


कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की प्रतिक्रिया

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इस कदम को इतिहास के साथ छेड़छाड़ बताते हुए कहा कि ऐसे शासकों के योगदान को नकारना गलत है, जिन्होंने उपमहाद्वीप की राजनीति और संस्कृति को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि नाम या उपाधि हटाने से इतिहास नहीं बदलता। मसूद ने यह भी बताया कि मुगल शासन के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में मजबूत थी।


इमरान मसूद का ऐतिहासिक संदर्भ

मसूद ने आगे कहा कि मुगलों ने 700 वर्षों तक शासन किया। उन्होंने सवाल उठाया कि नाम हटाने से क्या फर्क पड़ेगा? उन्होंने यह भी कहा कि कई शासकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी जान दी, जबकि आज सत्ता में वे लोग हैं जिनके पूर्वज अंग्रेजों के सामने झुके थे।


कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन का बयान

कांग्रेस के नेता के. मुरलीधरन ने भी कहा कि अकबर और टीपू सुल्तान के नाम से 'ग्रेट' हटाना इतिहास के साथ अन्याय है। उन्होंने बताया कि अकबर ने धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा दिया और टीपू सुल्तान ने ब्रिटिशों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।


विश्व हिंदू परिषद का समर्थन

वहीं, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस संशोधन का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पुरानी किताबों में इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया था। बंसल ने कहा कि मुगल शासकों को महिमामंडित करना गलत है और उन्होंने NCERT का धन्यवाद किया कि यह सुधार आवश्यक था।