क्या अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ रिश्तों में दरार पैदा की?

ट्रंप का भारत पर टैरिफ लगाने का निर्णय
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर अधिक टैरिफ लगाने का निर्णय अमेरिका में भी विवाद का कारण बन गया है। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने इस कदम को अनावश्यक रूप से भारत को नाराज़ करने वाला बताया। उन्होंने मजाक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप को दो बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित कर सकते हैं।
भारत पर आर्थिक दंड का कारण
ट्रंप ने भारत पर आर्थिक दंड लगाया है, जिसका कारण रूस से तेल खरीदना बताया गया है। पहले भारत पर 25% शुल्क लगाया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 50% कर दिया गया। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार निर्णय लेने में सक्षम है।
बोल्टन की चेतावनी
बोल्टन ने चेतावनी दी कि इस तरह के टैरिफ से उत्पन्न दरार को भरने में समय लगेगा। उनके अनुसार, जब आप इतनी बड़ी गलती करते हैं, तो विश्वास बहाल करने में लंबा समय लगता है। उन्होंने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा कि वहां के नेता ट्रंप से निपटने के तरीके खोज रहे हैं।
चीन पर टैरिफ का सवाल
बोल्टन ने यह भी सवाल उठाया कि अमेरिका ने चीन पर अपेक्षाकृत कम टैरिफ क्यों लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में संघर्ष विराम कराने के ट्रंप के प्रयासों से भारत प्रभावित हुआ है, फिर भी भारत को आर्थिक रूप से निशाना बनाया गया है।
भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव
इस घटनाक्रम ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव को बढ़ा दिया है। यह सवाल भी उठता है कि ट्रंप की व्यापार नीति सहयोगियों के साथ कितनी संतुलित है। बोल्टन के अनुसार, ऐसी नीतियां रणनीतिक भरोसे को कमजोर कर सकती हैं और भविष्य के सहयोग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।