क्या अमेरिका फिर से बगराम एयरबेस पर नियंत्रण हासिल करेगा? ट्रंप के बयान से बढ़ी चर्चा

अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस पर नियंत्रण की कोशिश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि अमेरिका बगराम एयरबेस पर फिर से नियंत्रण स्थापित करने की योजना बना रहा है। तालिबान द्वारा इस एयरबेस पर कब्जा करने के बाद से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को लगभग चार साल हो चुके हैं। ट्रंप के इस बयान ने यह स्पष्ट किया है कि अमेरिकी सेना एक बार फिर इस दक्षिण एशियाई देश में लौट सकती है। उन्होंने कहा कि जब अमेरिका ने अफगानिस्तान से वापसी की थी, तब इस एयरबेस का नियंत्रण छोड़ दिया गया था, लेकिन अब इसे पुनः प्राप्त करने की रणनीति पर विचार किया जा रहा है।
ब्रिटेन के पीएम के साथ संवाददाता सम्मेलन में जानकारी
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि हम इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं, और यह एक महत्वपूर्ण खबर हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बगराम एयरबेस का भू-रणनीतिक महत्व अत्यधिक है, और अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को फिर से मजबूत करना चाहता है।
चीन के प्रभाव का उल्लेख
ट्रंप ने चीन के बढ़ते प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एयरबेस चीन की परमाणु हथियार निर्माण सुविधाओं से केवल एक घंटे की दूरी पर स्थित है। उन्होंने कहा, "हम उस अड्डे को वापस चाहते हैं... क्योंकि यह उस स्थान से एक घंटे की दूरी पर है जहां चीन अपने परमाणु हथियार बनाता है।" ट्रंप का यह बयान दर्शाता है कि अमेरिका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन को संतुलित करने के लिए फिर से रणनीतिक ठिकानों पर कब्जा करना चाहता है।
बाइडेन प्रशासन पर आरोप
ट्रंप ने बगराम एयरबेस को तालिबान के हाथों छोड़ने को जो बाइडेन प्रशासन की एक बड़ी गलती बताया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की योजना उनके पहले कार्यकाल में बनाई गई थी, लेकिन बाइडेन प्रशासन ने इसे बिना किसी रणनीति के लागू किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बाइडेन ने बिना किसी कीमत पर यह एयरबेस तालिबान को सौंप दिया, जो अमेरिका के हितों के खिलाफ था।
बगराम एयरबेस का महत्व
ट्रंप ने बगराम एयरबेस को दुनिया के सबसे बड़े और शक्तिशाली एयरबेसों में से एक बताते हुए कहा कि इसकी रनवे क्षमता इतनी मजबूत है कि इसके ऊपर एक ग्रह भी उतारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से निकलने की उनकी योजना में अमेरिकी सेना की गरिमा बनाए रखने के लिए बगराम बेस को अपने पास रखने का प्रावधान था, लेकिन बाइडेन ने इसे छोड़कर अमेरिका की स्थिति कमजोर कर दी।
अमेरिकी विदेश नीति में संभावित बदलाव
ट्रंप का यह बयान अमेरिकी विदेश नीति में संभावित बदलाव का संकेत माना जा रहा है। बगराम एयरबेस न केवल अफगानिस्तान बल्कि पूरे मध्य और दक्षिण एशिया में अमेरिका की सैन्य रणनीति का अहम हिस्सा रहा है। अब यह देखना होगा कि क्या अमेरिका वास्तव में इस एयरबेस पर फिर से नियंत्रण पाने के लिए कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं।