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क्या अमेरिका-भारत संबंधों में दरार आएगी? ट्रंप ने मोदी की दोस्ती पर जताया भरोसा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी गहरी दोस्ती को दोहराते हुए भारत और अमेरिका के संबंधों की मजबूती पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भले ही कुछ असहमति हो, लेकिन इससे दोनों देशों के बीच की साझेदारी प्रभावित नहीं होगी। ट्रंप ने व्यापार वार्ता के सकारात्मक संकेत भी दिए और यूरोपीय संघ पर नाराजगी जताई। जानें इस महत्वपूर्ण बातचीत के सभी पहलुओं के बारे में।
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क्या अमेरिका-भारत संबंधों में दरार आएगी? ट्रंप ने मोदी की दोस्ती पर जताया भरोसा

भारत-अमेरिका संबंधों पर ट्रंप का बयान

India US Relationship: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी गहरी मित्रता को दोहराते हुए उन्हें एक उत्कृष्ट प्रधानमंत्री बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध विशेष महत्व रखते हैं और इन पर कोई खतरा नहीं है। यह बयान ट्रंप ने मीडिया से बातचीत के दौरान दिया, जब उनसे भारत के साथ संबंधों के बारे में सवाल किया गया।


मजबूत दोस्ती का आश्वासन

ट्रंप ने मोदी के साथ अपने पुराने संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि भले ही वर्तमान में कुछ मतभेद हों, लेकिन इससे दोनों देशों के बीच की मजबूत साझेदारी प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका हमेशा भारत का मित्र रहेगा और वह व्यक्तिगत रूप से मोदी के साथ अपनी मित्रता को महत्व देते हैं।


हमेशा दोस्त रहेंगे

जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह भारत के साथ संबंधों को सुधारने के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने आत्मविश्वास से कहा कि वह हमेशा तैयार हैं। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा। वह एक महान प्रधानमंत्री हैं, लेकिन मुझे इस समय उनके कुछ कार्य पसंद नहीं आ रहे हैं।" हालांकि, ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन से कार्य उन्हें नापसंद हैं।


असहमति के बावजूद मजबूत साझेदारी

ट्रंप ने कहा कि वैश्विक साझेदारों के बीच कभी-कभी असहमति होना स्वाभाविक है। उन्होंने बताया कि ये मतभेद अस्थायी होते हैं और दीर्घकालिक सहयोग पर कोई असर नहीं डालते। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंधों की नींव मजबूत है और भविष्य में यह और भी मजबूत होंगे।


व्यापार वार्ता पर ट्रंप की सकारात्मक प्रतिक्रिया

भारत और अन्य देशों के साथ व्यापार वार्ता के संदर्भ में ट्रंप ने सकारात्मक संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका की व्यापार वार्ता अच्छी दिशा में बढ़ रही है और प्रशासन का लक्ष्य है कि सभी सौदे निष्पक्ष और लाभकारी हों।


यूरोपीय संघ पर ट्रंप की नाराजगी

ट्रंप ने बातचीत के दौरान यूरोपीय संघ द्वारा गूगल पर लगाए गए जुर्माने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की आर्थिक दंडात्मक कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रभावित कर सकती है, हालांकि उन्होंने इसे सीधे भारत से नहीं जोड़ा।


भारत द्वारा रूस से तेल खरीद पर ट्रंप ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत के रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदने पर निराशा है और उन्होंने याद दिलाया कि मोदी कुछ महीने पहले अमेरिका आए थे और उनके साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी।