क्या जदयू छोड़ने की तैयारी में है? गिरधारी यादव के बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सियासत में नया मोड़
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में राज्य की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। जदयू सांसद गिरधारी यादव के हालिया बयान ने एनडीए में दरार की अटकलों को जन्म दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि बीजेपी ने चुनाव के बाद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाया, तो जदयू एनडीए का साथ छोड़ने में संकोच नहीं करेगा।
गिरधारी यादव का बयान और विपक्ष की प्रतिक्रिया
गिरधारी यादव के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने तुरंत इस पर प्रतिक्रिया दी और बीजेपी-जदयू गठबंधन पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। हालांकि, विवाद बढ़ने पर गिरधारी यादव ने अपने बयान को स्पष्ट करने की कोशिश की। बिहार कांग्रेस ने इस इंटरव्यू का वीडियो अपने एक्स अकाउंट पर साझा किया है।
अरे सांसद जी,ऐसी नौबत नहीं आएगी,
— Bihar Congress (@INCBihar) July 26, 2025
क्योंकि बिहार अब बदलाव की राह पर है —
आप लोगों का कुर्सी का खेल खत्म होने वाला है! pic.twitter.com/yuZ8xNIw4s
'नीतीश को सीएम नहीं बनाया तो छोड़ देंगे NDA'
जदयू सांसद गिरधारी यादव ने एक निजी टीवी चैनल पर कहा, "क्या यह कोई बड़ी बात है? हम तो पहले भी कई बार गठबंधन बदल चुके हैं।" उनका इशारा स्पष्ट था कि जदयू की राजनीतिक रणनीति में बदलाव कोई नई बात नहीं है और यदि परिस्थितियाँ अनुकूल रहीं, तो पार्टी गठबंधन बदलने से पीछे नहीं हटेगी।
महागठबंधन की ओर लौटने की संभावना
गिरधारी यादव ने आगे कहा, "यदि बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं मानती है, तो हम सीधे महागठबंधन में लौट जाएंगे। इसमें क्या समस्या है? मुख्यमंत्री का मुद्दा महत्वपूर्ण है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना होगा, अन्यथा जदयू के लिए गठबंधन में बने रहना कठिन होगा।
गठबंधन बदलने की दलील
गिरधारी यादव ने कहा, "अगर कल बीजेपी कहेगी कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा, तो हम जाएंगे। इसमें कोई नई बात नहीं है।" इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि जदयू अपने राजनीतिक विकल्प खुले रखे हुए है और नीतीश कुमार की दावेदारी से कोई समझौता नहीं करना चाहता।
गौरतलब है कि गिरधारी यादव वही सांसद हैं जिन्होंने हाल ही में बिहार की वोटर लिस्ट को लेकर पार्टी लाइन से अलग बयान दिया था, जिससे नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ गई थीं। जदयू ने उन्हें उस बयान को लेकर नोटिस जारी किया था। अब उनका नया बयान कांग्रेस के लिए एक नया हथियार बन गया है।