क्या ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोका? जानें उनके दावों की सच्चाई

ट्रंप का विवादास्पद दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बार फिर से यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को गंभीर स्थिति में जाने से रोका। व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, ट्रंप ने कहा कि इस टकराव में पांच विमान गिराए गए थे और यह विवाद किसी भी समय परमाणु युद्ध में बदल सकता था।
ट्रंप की मध्यस्थता का दावा
ट्रंप ने बताया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के नेताओं को फोन करके चेतावनी दी थी कि यदि यह स्थिति नहीं रुकी, तो इसके परिणाम भयानक हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मध्यस्थता के कारण ही हालात काबू में आए। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कहा था, 'अब और नहीं। अगर यह जारी रहा, तो परिणाम भयानक होंगे।' दोनों देश परमाणु शक्ति से लैस हैं, और उन्होंने इस युद्ध को टालने का दावा किया।
अन्य संघर्षों का उल्लेख
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने ऐसा दावा किया है। हाल ही में, उन्होंने रिपब्लिकन सीनेटरों के एक डिनर में भी यही बातें दोहराईं, यह कहते हुए कि यह एक बड़ा संकट बन रहा था। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने कांगो-रवांडा और कोसोवो-सर्बिया के बीच के तनाव को समाप्त करने में मदद की।
संयुक्त राष्ट्र में भारत का जवाब
संयुक्त राष्ट्र में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई। अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीया ने कहा कि अमेरिका ने पिछले तीन महीनों में भारत-पाकिस्तान, इजरायल-ईरान और कांगो-रवांडा के बीच तनाव कम करने में मदद की। हालांकि, भारत ने इन बयानों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथनेनी हरीश ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो पड़ोसी देश सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उन्हें इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने पहलगाम हमले का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्कों पर निशाना साधा।