क्या ठाकरे बंधुओं के रिश्ते में आई है नई गर्माहट? जानें राज और उद्धव की मुलाकात की खास बातें

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की मुलाकात
Raj Thackeray Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार के बीच बढ़ती नजदीकियों की चर्चा फिर से तेज हो गई है। मराठी बनाम हिंदी विवाद के बाद, दोनों नेताओं की एकजुटता अब व्यक्तिगत संबंधों पर भी असर डालती नजर आ रही है। रविवार को, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और शिवसेना (उद्धव) के नेता उद्धव ठाकरे से मातोश्री में मुलाकात की और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।
यह मुलाकात केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह दोनों परिवारों के बीच पुराने रिश्तों में आई दूरियों को खत्म करने का संकेत भी थी। राज ठाकरे अपनी पत्नी शर्मिला ठाकरे के साथ मातोश्री पहुंचे और उद्धव को लाल गुलाबों का गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी। दोनों नेताओं के बीच लगभग 20 मिनट तक बातचीत हुई, जिसमें उन्हें एक-दूसरे को गले लगाते हुए भी देखा गया।
Mumbai | MNS chief Raj Thackeray met Shiv Sena UBT leader Uddhav Thackeray at Matoshree today and extended birthday wishes to Uddhav Thackeray
— News Media (@NewsMedia) July 27, 2025
(Source: Shiv Sena-UBT) pic.twitter.com/jLtrNBAsf1
उद्धव ठाकरे का 65वां जन्मदिन
मातोश्री में मनाया जा रहा 65वां जन्मदिन
रविवार को उद्धव ठाकरे का 65वां जन्मदिन मातोश्री में धूमधाम से मनाया गया। इस विशेष अवसर पर न केवल शिवसेना (उद्धव) के नेता उपस्थित थे, बल्कि MNS के नेता नितिन सरदेसाई भी राज ठाकरे के साथ आए। इस कार्यक्रम में संजय राउत, अनिल परब और अंबादास दानवे जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राज ठाकरे पिछले 12 वर्षों से मातोश्री नहीं आए थे। उन्होंने आखिरी बार 2012 में बालासाहेब ठाकरे के निधन के समय यहां का दौरा किया था। इसके बाद, उन्होंने केवल कुछ निजी अवसरों पर मातोश्री का रुख किया, जैसे कि उद्धव ठाकरे की हार्ट सर्जरी के समय और अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी का निमंत्रण देने के लिए।
जुलाई में साझा मंच पर दिखे थे ठाकरे बंधु
जुलाई में भी साझा मंच पर दिखे थे ठाकरे बंधु
यह मुलाकात एक महीने के भीतर दोनों नेताओं की दूसरी भेंट है। इससे पहले, 5 जुलाई को राज और उद्धव ठाकरे एक साझा मंच पर एक रैली में नजर आए थे। उस समय भी दोनों के बीच की कैमिस्ट्री ने राजनीतिक गलियारों में अटकलों को जन्म दिया था कि क्या ठाकरे परिवार फिर से एकजुट हो रहा है।