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क्या तालिबान मंत्री की भारत यात्रा रद्द हुई या स्थगित? जानें पूरी कहानी

तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रस्तावित भारत यात्रा को रद्द कर दिया गया है, क्योंकि उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से यात्रा प्रतिबंध में छूट नहीं मिली। इस यात्रा को लेकर पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने इस मामले में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। भारत और तालिबान के बीच उच्चस्तरीय संपर्क की प्रक्रिया दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक समीकरणों में महत्वपूर्ण हो सकती है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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क्या तालिबान मंत्री की भारत यात्रा रद्द हुई या स्थगित? जानें पूरी कहानी

तालिबान मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की यात्रा पर संकट

तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी: इस महीने की शुरुआत में प्रस्तावित भारत यात्रा को रद्द कर दिया गया है, क्योंकि उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1988 प्रतिबंध समिति से यात्रा प्रतिबंध में छूट नहीं मिल पाई। यदि यह यात्रा होती, तो मुत्ताकी अशरफ गनी सरकार के पतन के बाद भारत का दौरा करने वाले पहले तालिबान मंत्री बनते। यूएन प्रतिबंधों के तहत सभी तालिबान नेताओं को अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है। मुत्ताकी के भारत दौरे की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन सुरक्षा परिषद के एक सदस्य द्वारा आपत्ति के कारण इसे रद्द कर दिया गया। इस मामले में पाकिस्तान की भूमिका पर भी चर्चा हो रही है, क्योंकि वह वर्तमान में 1988 प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष है।


पाकिस्तान की भूमिका पर उठे सवाल

सूत्रों के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि इस्लामाबाद ने मुत्ताकी की यात्रा में रुकावट डाली। सुरक्षा परिषद की 1988 समिति में सभी 15 सदस्य देशों की सहमति आवश्यक होती है, और किसी एक सदस्य की आपत्ति से अनुमति रोकी जा सकती है। इससे पहले, मुत्ताकी की पाकिस्तान यात्रा भी अमेरिका की आपत्ति के कारण रद्द हो चुकी है।


विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से मुत्ताकी की भारत यात्रा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने सीधे तौर पर पुष्टि नहीं की। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान के लोगों के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को बनाए रखेगा और अफगान अधिकारियों के साथ संपर्क में रहेगा। यदि इस मामले में कोई नई जानकारी होगी, तो वह साझा की जाएगी।


भारत और तालिबान के बीच संवाद

मुत्ताकी की भारत यात्रा को मई में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ हुई फोन वार्ता के बाद की कड़ी के रूप में देखा जा रहा था। यह दोनों पक्षों के बीच पहली आधिकारिक बातचीत थी। हाल ही में तालिबान ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की थी, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद में नई संभावनाएं बनी थीं।


भारत की रणनीति और चीन का प्रभाव

भारत पिछले कुछ वर्षों में तालिबान नेतृत्व के साथ चुपचाप संपर्क बनाए हुए है, खासकर जब चीन अफगानिस्तान में अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। भारत के लिए अफगानिस्तान में रणनीतिक संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। 1 सितंबर को मुत्ताकी और जयशंकर के बीच फिर से फोन पर बातचीत हुई थी, जिसमें भारत द्वारा अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भेजी गई राहत सामग्री पर चर्चा हुई थी।


यात्रा स्थगित या रद्द?

सूत्रों के अनुसार, मुत्ताकी की भारत यात्रा को रद्द नहीं किया गया है, बल्कि इसे स्थगित किया गया है। यदि प्रतिबंध समिति से छूट मिलती है, तो यह दौरा आगामी महीनों में संभव हो सकता है। भारत और तालिबान के बीच उच्चस्तरीय संपर्क की यह प्रक्रिया दक्षिण एशिया में बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकती है।