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क्या तुर्की और अजरबैजान की दोस्ती सिर्फ दिखावा है? पाकिस्तानियों के लिए वीजा की सख्ती पर उठे सवाल

भारत के साथ तनाव के बीच तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया है, लेकिन क्या यह दोस्ती एकतरफा है? पाकिस्तानियों को तुर्की और अजरबैजान में वीजा की सख्ती का सामना करना पड़ता है। इस लेख में हम इन देशों की वीजा नीतियों और पाकिस्तान के लिए उनके समर्थन की सच्चाई पर चर्चा करेंगे। क्या यह भाईचारा केवल भाषणों तक सीमित है? जानें पूरी कहानी।
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क्या तुर्की और अजरबैजान की दोस्ती सिर्फ दिखावा है? पाकिस्तानियों के लिए वीजा की सख्ती पर उठे सवाल

तुर्की का पाकिस्तान के प्रति समर्थन

भारत के साथ तनाव के समय में, तुर्की ने हमेशा पाकिस्तान का साथ दिया है। राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया है। हालांकि, तुर्की के बायरक्तार ड्रोन जमीनी युद्ध में पाकिस्तान के लिए उपयोगी नहीं रहे, फिर भी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुर्की की मित्रता को अपनी ताकत के रूप में प्रस्तुत किया। हाल ही में, शहबाज शरीफ ने तुर्की का दौरा किया, जिसे एर्दोगन के प्रति आभार व्यक्त करने के प्रयास के रूप में देखा गया।


वीज़ा नीति की सच्चाई

हालांकि, यह मित्रता एकतरफा प्रतीत होती है। पाकिस्तान के नागरिकों को तुर्की में बिना वीजा के प्रवेश नहीं दिया जाता। उन्हें यात्रा के लिए वीजा लेना आवश्यक है, चाहे वह ई-वीजा ही क्यों न हो। तुर्की उन देशों में शामिल है जो पाकिस्तान को सीमित सुविधाएं प्रदान करते हैं, जबकि पाकिस्तान तुर्की का खुले दिल से समर्थन करता है।


ई-वीज़ा की सीमाएं

तुर्की पाकिस्तान के नागरिकों को ई-वीज़ा की सुविधा देता है, लेकिन इसके तहत वे केवल 30 दिनों तक ही देश में रह सकते हैं। इसके लिए पासपोर्ट की वैधता छह महीने होनी चाहिए। वहीं, आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को बिना वीजा के 90 दिनों तक रहने की अनुमति है। कुछ मामलों में, रेजिडेंस परमिट धारक भी बिना ई-वीज़ा के तुर्की जा सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि जिस देश को पाकिस्तान 'भाई' मानता है, वहां आम पाकिस्तानी के लिए फ्री एंट्री क्यों नहीं है?


अजरबैजान की स्थिति

तुर्की के समान, अजरबैजान भी पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा मुक्त प्रवेश नहीं देता। वहां भी ई-वीज़ा की प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। अजरबैजान ने भारत के साथ तनाव के समय पाकिस्तान का समर्थन किया था, लेकिन इसके परिणामस्वरूप भारतीय पर्यटकों ने 'बॉयकॉट अजरबैजान' मुहिम शुरू कर दी, जिससे कई ट्रैवल एजेंसियों ने उसकी बुकिंग रोक दी।


पाकिस्तान का पासपोर्ट

ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, पाकिस्तान का पासपोर्ट दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट में से एक है। केवल 9 देशों में पाकिस्तानियों को बिना वीजा के प्रवेश मिलता है, जैसे हैती, माइक्रोनेशिया और नियू। वहीं, 4 देश ऐसे हैं जो पाकिस्तानियों को प्रवेश नहीं देते, जिनमें इजराइल, भारत, लीबिया और सूडान शामिल हैं।


दोस्ती की वास्तविकता

तुर्की और अजरबैजान जैसी देशों की नीतियां यह सवाल उठाती हैं कि क्या पाकिस्तान की 'भाईचारे की दोस्ती' केवल भाषणों तक सीमित है? जब इन देशों को वास्तविक समर्थन दिखाना होता है, तो वे आम पाकिस्तानियों के लिए दरवाजे बंद रखते हैं।