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क्या पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध के लिए तैयार है? रक्षा मंत्री का चौंकाने वाला बयान

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक बयान में भारत के साथ पूर्ण युद्ध की संभावनाओं को नकारने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखे हुए है। आसिफ ने भारत पर भरोसा न करने की बात कही और सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाते हुए हाल की हिंसक घटनाओं का जिक्र किया। इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तान की तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर लड़ाई की स्थिति का सामना करने की बात शामिल है। जानें इस तनाव के पीछे की वजहें और आसिफ के अन्य आरोप।
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क्या पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध के लिए तैयार है? रक्षा मंत्री का चौंकाने वाला बयान

पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति में तनाव


नई दिल्ली: पाकिस्तान की राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति में लगातार तनाव बना हुआ है। इसी संदर्भ में, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि इस्लामाबाद भारत के साथ पूर्ण युद्ध की संभावनाओं को नकार नहीं सकता। आसिफ के अनुसार, क्षेत्र में बढ़ते तनाव के कारण पाकिस्तान अपनी सुरक्षा एजेंसियों को पूरी तरह से अलर्ट पर रखा है।


भारत पर भरोसा नहीं

ख्वाजा आसिफ ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान न तो भारत के प्रति लापरवाह है और न ही उसके किसी आश्वासन पर भरोसा कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनके विश्लेषण के अनुसार, भारत किसी भी समय पूर्ण युद्ध या शत्रुतापूर्ण रणनीति का सहारा ले सकता है, जैसे कि सीमा पर घुसपैठ या अन्य प्रकार की कार्रवाई। इसलिए, पाकिस्तान को हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा।


आसिफ का यह बयान तब आया है जब भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को 88 घंटे का प्रारंभिक ट्रेलर बताते हुए कहा था कि यदि आवश्यक हुआ, तो भारत पाकिस्तान को 'जिम्मेदारी से व्यवहार करना सिखाने' के लिए तैयार है।


हिंसक घटनाओं से बढ़ा तनाव

हाल के महीनों में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कई घटनाओं के कारण बढ़ गया है। 10 नवंबर को नई दिल्ली में हुए कार बम विस्फोट में 15 लोगों की मौत के बाद भारत की सुरक्षा चिंताएं और बढ़ गई हैं। इससे पहले, पहलगाम में हुए बड़े आतंकी हमले ने भी दोनों देशों के रिश्तों में तनाव को बढ़ाया था।


दो मोर्चों पर लड़ाई के लिए तैयार

कुछ सप्ताह पहले, आसिफ ने पाकिस्तान के आक्रामक रुख की ओर इशारा किया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान पूर्वी सीमा (भारत) और पश्चिमी सीमा (अफगानिस्तान) दोनों पर एक साथ लड़ाई की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। आसिफ ने कहा कि यदि वे अंतिम दौर चाहते हैं, तो हमारे पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं है।


अफगानिस्तान से बढ़ता संघर्ष

पिछले एक महीने में पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच संबंधों में भी तनाव बढ़ा है। सीमा पर दोनों पक्षों के बीच हुई झड़पों में कई लोगों की मौत हुई, जिसके बाद तुर्की और कतर की मध्यस्थता से 19 अक्टूबर को युद्धविराम लागू हुआ था।


पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान की धरती से सक्रिय आतंकी समूह पाकिस्तान पर हमले कर रहे हैं, जबकि तालिबान ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। उनका कहना है कि अफगान क्षेत्र का किसी भी देश पर हमला करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।


इस तनावपूर्ण माहौल में, आसिफ ने आरोप लगाया कि अफगानिस्तान में भारत की गहरी भूमिका है और यही पाकिस्तान और काबुल के बीच बढ़ते झगड़ों का कारण है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली नहीं चाहती कि दोनों देश आपसी विवाद सुलझा सकें। बातचीत के दौरान, उन्होंने आरोप लगाया कि इस समय काबुल भारत के लिए छद्म युद्ध लड़ रहा है।