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क्या प्रशांत किशोर चिराग पासवान की पोल खोलेंगे?

प्रशांत किशोर और अशोक चौधरी के बीच चल रहे विवाद ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी बेटी को सांसद बनाने के लिए टिकट खरीदी। इस पर चौधरी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। क्या प्रशांत किशोर अदालत में कोई ठोस सबूत पेश करेंगे? जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
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क्या प्रशांत किशोर चिराग पासवान की पोल खोलेंगे?

प्रशांत किशोर और अशोक चौधरी के बीच विवाद

यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है कि क्या प्रशांत किशोर, जो अक्सर चिराग पासवान की प्रशंसा करते हैं, अब उनकी सच्चाई उजागर करेंगे? जनता दल यू के नेता और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया है। दरअसल, प्रशांत किशोर ने एक कार्यक्रम में आरोप लगाया कि अशोक चौधरी ने अपनी बेटी को सांसद बनाने के लिए टिकट खरीदी थी। उल्लेखनीय है कि अशोक चौधरी खुद जनता दल यू के सदस्य हैं, जबकि उनकी बेटी ने चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता है। इसके बाद चौधरी ने किशोर को मानहानि का मुकदमा करने की चेतावनी दी थी। जब प्रशांत किशोर ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो चौधरी ने मामला दर्ज कराया। अब प्रशांत किशोर का कहना है कि वे ऐसे मामलों से डरते नहीं हैं और अदालत में इसका सामना करेंगे।


अब यह देखना है कि क्या प्रशांत किशोर अदालत में कोई ठोस सबूत पेश करेंगे? हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि चिराग पासवान ने पैसे लेकर अशोक चौधरी की बेटी को टिकट दिया। लेकिन कई परिस्थितिजन्य सबूत मौजूद हैं। मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार, कई नेताओं ने यह आरोप लगाया था कि चिराग पासवान ने अपने कोटे की तीन सीटें बेची हैं। उन्होंने खुद हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ा और जमुई सीट पर अपने बहनोई को उतारा। इसके अलावा, वैशाली में वीणा सिंह, समस्तीपुर में शाम्भवी चौधरी और खगड़िया में राजेश वर्मा को टिकट दिया गया। इन तीनों उम्मीदवारों के बारे में कहा गया कि उन्होंने टिकट के लिए पैसे दिए हैं। अशोक चौधरी की बेटी के मामले में यह सवाल उठता है कि जब चौधरी खुद जमुई से चुनाव लड़ रहे थे, तो उनकी बेटी समस्तीपुर से कैसे चुनाव लड़ने पहुंची? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी बेटी का कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है। वे अमेरिका से पढ़ाई करके सीधे सांसद के चुनाव में उतरीं। इसी तरह, भागलपुर के राजेश वर्मा को खगड़िया से टिकट मिला है। यदि प्रशांत किशोर अदालत में परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर बहस करते हैं, तो चिराग पासवान की स्थिति और भी कमजोर हो सकती है।