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क्या बिहार में बीजेपी नेतृत्व में बदलाव की तैयारी कर रही है? अमित शाह का बयान चर्चा का विषय

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान ने बिहार विधानसभा चुनावों में राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में कहा कि समय बताएगा कि कौन बनेगा, जबकि यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। शाह के बयान ने यह सवाल उठाया है कि क्या बीजेपी चुनाव के बाद नेतृत्व में बदलाव की योजना बना रही है। जानें इस पर और क्या है राजनीतिक गलियारों में चर्चा।
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क्या बिहार में बीजेपी नेतृत्व में बदलाव की तैयारी कर रही है? अमित शाह का बयान चर्चा का विषय

अमित शाह का बयान और राजनीतिक हलचल

बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। जब उनसे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि समय बताएगा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव जेडीयू के नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।


क्या बीजेपी नेतृत्व में बदलाव की योजना बना रही है?

चुनाव के बाद नेतृत्व बदलने की योजना में बीजेपी?


शाह का यह बयान उस समय आया है जब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) लगातार '25 से 30, फिर से नीतीश' का नारा दे रही है। बीजेपी के कई नेता, जैसे सम्राट चौधरी और दिलीप जायसवाल, भी पहले '2025 फिर से नीतीश' की बात कर चुके हैं। लेकिन शाह की टिप्पणी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बीजेपी चुनाव के बाद नेतृत्व में बदलाव की योजना बना रही है?


चुनाव का मुख्य मुद्दा क्या होगा?

शाह ने एक इंटरव्यू में यह भी बताया कि बिहार में चुनाव का मुख्य मुद्दा क्या होगा, विकास या जाति? उन्होंने कहा कि चुनाव के मुद्दे जनता तय करती है, लेकिन बीजेपी के लिए विकास हमेशा प्राथमिकता रहेगा।


क्या बिहार में महाराष्ट्र मॉडल लागू होगा?

क्या बिहार में लागू होगा महाराष्ट्र मॉडल?


नीतीश सरकार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शाह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया है कि चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। यह ध्यान देने योग्य है कि शाह पहले भी इसी तरह के बयान देकर राजनीतिक चर्चाओं को बढ़ावा दे चुके हैं। उन्होंने 6 महीने पहले भी इसी विषय पर सीधा जवाब देने से परहेज किया था, जिससे राजनीतिक गलियारों में यह अटकलें तेज हो गई थीं कि क्या बिहार में भी महाराष्ट्र मॉडल लागू होगा। यानी चुनाव नीतीश के चेहरे पर लड़ा जाए, लेकिन जीत के बाद कोई और मुख्यमंत्री बने।