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क्या भारत-अमेरिका के बीच तनाव कम होगा? जयशंकर और रुबियो की महत्वपूर्ण मुलाकात

आज न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक होने जा रही है। यह मुलाकात ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद पहली बार हो रही है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की उम्मीदें बढ़ी हैं। इस बैठक में व्यापार, निवेश और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। जानें इस बैठक का महत्व और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।
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क्या भारत-अमेरिका के बीच तनाव कम होगा? जयशंकर और रुबियो की महत्वपूर्ण मुलाकात

जयशंकर-रुबियो की बैठक

जयशंकर-रुबियो मीटिंग: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर आज न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। यह मुलाकात डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद पहली बार हो रही है। इसे दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक से भारत और अमेरिका के संबंधों में सुधार की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।


न्यूयॉर्क में द्विपक्षीय चर्चा का महत्व

संयुक्त राष्ट्र महासभा के संदर्भ में न्यूयॉर्क में होने वाली यह बैठक विशेष महत्व रखती है। यह पहली औपचारिक बातचीत है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने अगस्त में भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाया था। इस निर्णय ने दोनों देशों के व्यापारिक और राजनयिक संबंधों में तनाव पैदा किया था।


जयशंकर और रुबियो के बीच यह बैठक भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजे होगी। इस चर्चा का मुख्य ध्यान टैरिफ, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर रहेगा।


पीयूष गोयल की व्यापार वार्ता में भागीदारी

सोमवार से वॉशिंगटन में होने वाली व्यापार वार्ता में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल होंगे। उनका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक मतभेदों को सुलझाना और लाभकारी समझौतों की दिशा में कदम बढ़ाना है। गोयल न्यूयॉर्क में यूएसटीआर जेमिसन ग्रीर से भी मुलाकात करेंगे।


विशेषज्ञों का कहना है कि यह साल में अमेरिका और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच तीसरी आमने-सामने की मुलाकात है। इससे पहले, 30 जून से 2 जुलाई तक जयशंकर ने रुबियो के निमंत्रण पर अमेरिका का दौरा किया था।


भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव के कारण

हाल के महीनों में भारत और अमेरिका के संबंधों में गिरावट आई है। जनवरी 2025 में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच तनाव बढ़ा है। भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान ट्रंप की मध्यस्थता के दावों और रूस से तेल खरीद पर अमेरिकी आलोचनाओं ने भी रिश्तों में खटास पैदा की है।


इसके अलावा, H-1B वीजा पर हालिया निर्णय और भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ जैसे कदम सीधे तौर पर भारत और भारतीय व्यापारियों को प्रभावित कर रहे हैं।


क्या तनाव कम होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि एस जयशंकर और मार्को रुबियो की यह बैठक तनाव को कम करने, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने तथा दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।