क्या भारत अमेरिका से दूर हो रहा है? जॉन बोल्टन की चेतावनी

भारत पर आरक्षण का प्रभाव
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने चेतावनी दी है कि भारत में भारी भर्तियों के लिए आरक्षण लागू करने का निर्णय नकारात्मक परिणाम ला सकता है। उनका कहना है कि इस नीति ने भारत को अमेरिका से दूर कर दिया है और यह दशकों से चल रहे प्रयासों को भी बाधित कर रहा है, जिसका उद्देश्य भारत को रूस और चीन से अलग करना था।
भारत का रूस-चीन के करीब जाने का खतरा
बोल्टन ने कहा कि यह नीति उल्टा असर डाल रही है। भारत के साथ संबंध कमजोर हो गए हैं, जबकि चीन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह नीति भारत को खतरे में डाल सकती है और संभवतः भारत अमेरिका के साथ बातचीत करने के बजाय रूस और चीन के करीब जा सकता है।
रूसी तेल खरीद पर विवाद
बोल्टन ने भारत द्वारा रूसी तेल पर 50% टैरिफ लगाने का उल्लेख करते हुए इसे एक बड़ी गलती बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत को नजरअंदाज करते हुए चीन को प्राथमिकता दी गई है, जबकि भारत अमेरिका का एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
चीन के प्रति नरम रुख, भारत पर सख्ती
अप्रैल में, अमेरिका ने चीन के खिलाफ सीमित व्यापार युद्ध शुरू किया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया। इस दौरान, व्हाइट हाउस ने चीन के प्रति नरम रुख अपनाया, जबकि भारत पर कठोर टैरिफ लगाए। बोल्टन के अनुसार, यह नीति अमेरिकी मूल्यों के खिलाफ है।
अमेरिकी रणनीति पर खतरा
बोल्टन ने कहा कि चीन के प्रति शून्य सहिष्णुता और भारत पर प्रतिबंध, अमेरिका के दशकों पुराने लक्ष्यों को खतरे में डालते हैं, जिसमें भारत को रूस और चीन से दूर रखना शामिल है। उन्होंने कहा कि यदि भारत और चीन-रूस के बीच सहयोग बढ़ता है, तो इससे वैश्विक भू-राजनीतिक संतुलन प्रभावित होगा।
भारत का स्पष्ट रुख
भारत ने अमेरिकी दबाव के बावजूद अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है। रूसी तेल खरीद के मामले में भी, भारत ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वह अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के अनुसार ही निर्णय लेगा।